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कोडरमा लोकसभा सीट पर अन्नपूर्णा देवी ने बनाया था रिकॉर्ड, 3 चुनावों में 2 बार जीती भाजपा

कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली अन्नपूर्णा देवी वर्ष 2019 में रिकॉर्ड बना चुकीं हैं. कोडरमा को भाजपा की पारंपरिक सीट भी कहा जाता है.

टेबल ऑफ कंटेंट्स

कोडरमा लोकसभा सीट वर्ष 1977 में अस्तित्व में आई थी. इसके पहले कोडरमा के मतदाता हजारीबाग लोकसभा सीट के लिए मतदान करते थे. कोडरमा को झारखंड का गेट-वे भी कहा जाता है. इस लोकसभा सीट पर अन्नपूर्णा देवी समेत 15 लोग भाग्य आजमा रहे हैं.

कोडरमा लोकसभा सीट पर 22 लाख से अधिक मतदाता

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में 3 जिलों की कुल 6 विधानसभा सीटें- कोडरमा, हजारीबाग की बरकट्टा विधानसभा, गिरिडीह की जमुआ, धनवार, बगोदर और गांडेय विधानसभा आतीं हैं. कोडरमा की आबादी 34,01,164 और मतदाताओं की संख्या 22,00,710 है. देश का पहला सैनिक स्कूल कोडरमा के तिलैया में ही स्थापित हुआ था.

कोडरमा लोकसभा सीट पर 3 चुनावों में 2 बार भाजपा ने मारी बाजी

कोडरमा लोकसभा सीट पर पिछले 3 आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जीते हैं. भाजपा ने इस लोकसभा सीट पर 7 बार जीत दर्ज की है. इसलिए इसे भाजपा की पारंपरिक सीट कहा जाता है.

2 बार कांग्रेस, 1 बार झामुमो को कोडरमा में मिली है जीत

कांग्रेस के उम्मीदवार 2 बार यहां जीते हैं, जबकि एक बार झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के उम्मीदवार को जीत मिली है. वर्ष 2014 और 2019 में लगातार 2 बार भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. इस बार कोडरमा संसदीय क्षेत्र से कुल 15 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इसमें 2 पूर्व विधायक हैं.

फिर मैदान में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी

लोकसभा चुनाव 2024 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र से केंद्रीय राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी एक बार फिर चुनाव के मैदान में हैं. I.N.D.I.A. की ओर से भाकपा माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. कोडरमा में अन्नपूर्णा देवी और विनोद सिंह के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. गांडेय के पूर्व विधायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बागी जय प्रकाश वर्मा यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. जय प्रकाश वर्मा 5 बार सांसद रहे स्वर्गीय रीतलाल प्रसाद वर्मा के भतीजे हैं.

राजद छोड़ भाजपा में आईं अन्नपूर्णा देवी ने 2019 में बनाया रिकॉर्ड

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कोडरमा संदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाली अन्नपूर्णा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. अन्नपूर्णा देवी ने सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को बड़े अंतर से पराजित किया था.

2019 में अन्नपूर्णा देवी को मिले थे रिकॉर्ड 62.26 फीसदी वोट

अन्नपूर्णा देवी को वर्ष 2019 के चुनाव में 7,53,016 यानी 62.26 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बाबूलाल मरांडी को 2,97,416 यानी 24.59 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए. अन्नपूर्णा देवी ने बाबूलाल मरांडी से 38 फीसदी अधिक मत पाकर अपनी जीत सुनिश्चित की थी. वर्ष 2024 के चुनाव में उनका मुकाबला विनोद सिंह से है और बाबूलाल मरांडी इस बार अन्नपूर्णा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहा रहे हैं.

क्या कहते हैं 2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 14 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. इसमें बीजेपी के रवींद्र कुमार राय को 3,65,410 (35.65 प्रतिशत) वोट मिले. उन्होंने भाकपा माले के राज कुमार यादव को पराजित किया था. राज कुमार यादव को 2,66,756 (26.03 फीसदी) वोट मिले थे. उनके अलावा जेवीएम के प्रणव कुमार वर्मा भी यहां से मैदान में थे. उन्हें 1,60,638 (15 प्रतिशत) वोट मिले और कांग्रेस के तिलकधारी पीडी सिंह को 60,330 (5 प्रतिशत) वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था. इस चुनाव में कोडरमा लोकसभा सीट पर 62.11 फीसदी वोटिंग हुई थी.

कोडरमा संसदीय क्षेत्र की 6 में 2 विधानसभा सीट पर I.N.D.I.A. का कब्जा

कोडरमा संसदीय क्षेत्र की कुल 6 विधानसभा सीटों- राजधनवार, बगोदर, जमुआ और गांडेय गिरिडीह जिले में आती हैं. कोडरमा विधानसभा क्षेत्र कोडरमा जिले में और बरकट्टा विधानसभा क्षेत्र हजारीबाग जिले में आता है. इन 6 विधानसभा में से 2 बगोदर और गांडेय पर वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले और झामुमो ने जीत दर्ज की थी. गांडेय विधानसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव हो रहे हैं.

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कोडरमा लोकसभा सीट पर अन्नपूर्णा देवी ने बनाया था रिकॉर्ड, 3 चुनावों में 2 बार जीती भाजपा 2

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र की सामाजिक संरचना

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 14.05 फीसदी है. 5.96 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की है. वहीं, सामान्य एवं अन्य वर्ग के 79.99 फीसदी मतदाता कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में हैं.

कोडरमा में किस धर्म के कितने लोग

धार्मिक आधार पर कोडरमा लोकसभा क्षेत्र को देखेंगे, तो यहां 81 फीसदी हिंदू हैं. मुस्लिमों की संख्या 18 फीसदी और अन्य की 1 फीसदी है.

कोडरमा लोकसभा का की साक्षरता दर व लिंगानुपात

कोडरमा लोकसभा चुनाव क्षेत्र की साक्षरता दर की बात करेंगे, तो यह 64 फीसदी है. 52.55 फीसदी पुरुष और 47.45 फीसदी महिला साक्षर हैं. मतदाताओं का लिंग अनुपात 903 है.

शहरी मतदाताओं पर भारी ग्रामीण मतदाता

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाता शहरी वोटर पर भारी हैं, क्योंकि 96 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाके में आता है. महज 6 फीसदी इलाका शहरी क्षेत्र में है. कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में कुल 4,55,228 घर हैं.

पिछले तीन चुनावों में वोटों का आंकड़ा

झारखंड के कोडरमा लोकसभा सीट पर पिछले 3 चुनावों में 4 पार्टियों- बीजेपी, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा के बीच मुकाबला रहा. वर्ष 2014 व 2019 में बीजेपी ने सबसे अधिक मत पाकर जीत हासिल की, जबकि वर्ष 2009 में जेवीएम ने इस सीज पर जीत दर्ज की थी.

2014, 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा को कोडरमा में नहीं मिली जीत

वर्ष 2014 और 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार ने यहां से चुनाव लड़ा लेकिन, उसे जीत नहीं मिली. वर्ष 2009 में झामुमो को 7.86 फीसदी वोट मिले थे. अगर कांग्रेस की बात करें, तो वर्ष 2019 में उसने कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ा. वर्ष 2014 में कांग्रेस को महज 5.89 फीसदी वोट मिले थे. यह वर्ष 2009 में इस सीट पर उसे मिले वोट से भी कम था. वर्ष 2009 में कांग्रेस को 6.34 फीसदी वोट मिले थे.

कोडरमा में कौन-कौन लड़ रहे चुनाव

उम्मीदवारों के नामपार्टी का नाम
अन्नपूर्णा देवीभारतीय जनता पार्टी
सीटन रबिदासबहुजन समाज पार्टी
अकलेश्वर सावलोकहित अधिकार पार्टी
अजय कृष्णामूलनिवासी समाज पार्टी
आशीष कुमारराइट टू रिकॉल पार्टी
जयनारायण दासबहुजन मुक्ति पार्टी
विनोद कुमार सिंहभाकपा माले (लेनिनवादी)
जय प्रकाश वर्मानिर्दलीय
जीतलाल किस्कूनिर्दलीय
मनोज कुमारनिर्दलीय
राजेशनिर्दलीय
रामेश्वर प्रसाद यादवनिर्दलीय
मो सागिरनिर्दलीय
सहादत अंसारीनिर्दलीय
सुरेंद्र कुमार अग्रवालनिर्दलीय

3 चुनावों में भाजपा के वोट में बंपर उछाल

कोडरमा संसदीय सीट पर हुए चुनावों पर गौर करेंगे, तो पाएंगे कि पिछले 3 चुनावों में भाजपा के वोट में बंपर उछाल आया है. वर्ष 2009 में उसे यहां 14.75 फीसदी वोट मिले थे. वर्ष 2014 में यह दोगुना से भी ज्यादा 35.65 फीसदी हो गया. इसके बाद वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़कर 62.26 फीसदी हो गया. इस बार यहां कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं दिया था. (इनपुट : आकांक्षा वर्मा)

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