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कोडरमा में बनेगा अगरबत्ती कलस्टर
डीआरडीए के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रशासन ने जिले की आधी आबादी के हाथ को मजबूत करने के लिए बड़ा प्रस्ताव तैयार किया है. अगर सब ठीक ठाक रहा, तो आनेवाले कुछ वर्ष में ही यहां की महिलाएं मशीन से अगरबत्ती बनाने में दक्ष होने के लिए ट्रेनिंग लेकर काम कर आत्मनिर्भर होंगी. कोडरमा : जिले […]
डीआरडीए के प्रस्ताव को स्वीकृति
प्रशासन ने जिले की आधी आबादी के हाथ को मजबूत करने के लिए बड़ा प्रस्ताव तैयार किया है. अगर सब ठीक ठाक रहा, तो आनेवाले कुछ वर्ष में ही यहां की महिलाएं मशीन से अगरबत्ती बनाने में दक्ष होने के लिए ट्रेनिंग लेकर काम कर आत्मनिर्भर होंगी.
कोडरमा : जिले में आधी आबादी और मजबूत होकर आत्मनिर्भर बनें. इसके लिए अच्छी योजना पर काम हो रहा है. जिले में कोडरमा अगरबत्ती कलस्टर निर्माण को लेकर काम शुरू हो गया है.
डेढ़ करोड़ की लागत से अगरबत्ती क्लस्टर निर्माण की योजना बनायी गयी थी. जिसे खादी विलेज एंड इंडस्ट्रीज कमीशन की ओर से हरी झंडी मिल गयी है. अब इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) की ओर प्रयास किये जा रहे हैं. योजना अनुसार स्कीम आफ फंड रिनोवेशन आॅफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (एसएफयूआरटीआई) के तहत महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए इस तरह का प्रस्ताव डीआरडीए की ओर से राज्य सरकार को भेजा गया था.
पारित प्रस्ताव के अनुसार अगरबत्ती क्लस्टर का मुख्य केंद्र कोडरमा प्रखंड के लरियाडीह में बनाया जायेगा. यहां 3000 स्क्वायर फीट जमीन चिह्नित कर ली गयी है. इस जमीन पर आधारभूत संरचना बनाने के बाद मशीन लगा कर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके अलावा जिले के पांच प्रखंडों जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच, चंदवारा व सतगावां में छोटे केंद्र खोले जाने की तैयारी है. जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले में अगरबत्ती निर्माण के लिए प्रशिक्षित कुल 570 महिलाएं
हाथ से अगरबत्ती बनाती हैं. इसमें समय भी अधिक लगता है और इसकी मांग भी कम है.नयी योजना के अनुसार इन महिलाओं को पहले इससे जोड़कर मशीन से अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके बाद यही महिलाएं अगरबत्ती का उत्पादन करेंगी. पीएमआरडीएफ के प्रशांत कुमार ने बताया कि टेक्निकल एजेंसी आइएल एंड एफएस को डीपीआर तैयार करने को दिया गया है. इस पर काम जल्द शुरू होगा.
डेयरी डेवलपमेंट के लिए 32 लाख की योजना
डीआरडीए द्वारा कल्याण विभाग के सहयोग से जिले में डेयरी डेवलपमेंट योजना पर भी काम करने की तैयारी है. इसके लिए 32 लाख रुपये खर्च करने की योजना है. योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल एक गांव में डेयरी डेवलपमेंट के चार यूनिट बनाये जायेंगे. इसके तहत लाभुक को गाय के साथ ही दूध बाजार तक लाने के लिए वाहन भी दिया जायेगा.
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