उन्होंने बताया कि पूर्व में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत विद्यालयों में मात्र मैट्रिक की योग्यता रखनेवालों को भी पारा शिक्षक में बहाल किया गया था. जबकि नियमित शिक्षकों को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर होना चाहिए. सरकार ने पूर्व में मैट्रिक योग्यताधारी पारा शिक्षकों को अपनी योग्यता बढ़ाने का अवसर दिया गया था. इसके बावजूद भी जिले में अभी भी कई ऐसे पारा शिक्षक है, जिनकी योग्यता मात्र मैट्रिक है.
सूची प्राप्त होने के बाद उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. फरजी प्रमाण पत्र वाले गुरुजी पर भी गिरेगी गाज: सरकारी स्कूलों में फरजी प्रमाण पत्र के सहारे स्कूलों में कार्यरत पारा शिक्षकों पर भी गाज गिरने की तैयारी हो रही है. डीएसइ श्री शाही ने कहा कि पारा शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र पूरी गहनता के साथ जांच की जा रही है.
जिन पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया जायेगा. उनपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि अभी तक तो ऐसी शिकायत जिले में नहीं मिली है. लेकिन यदि कोई पारा शिक्षक फरजी प्रमाण पत्र पर बहाल हुए है तो वे स्वयं त्याग पत्र दे दें, अन्यथा पकड़े जाने पर कार्रवाई की जायेगी.