कोडरमा: बाजार डीआरडीए सभागार में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन्य निवासी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उदघाटन उपायुक्त छवि रंजन ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में आदिम जनजाति अधिकार से वंचित हो जाते हैं. जिले में आदिम जनजातियों की जनसंख्या काफी कम होने के बावजूद भी इन्हें सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है.
जानकारी के अभाव में ही भूमि पट्टा से संबंधित आवेदन नहीं दे पाते हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में आदिम जनजातियों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करें, तभी वे योजना का लाभ ले सकते हैं. जिप अध्यक्ष महेश राय ने कहा कि वन वासियों की मदद करने का अच्छा अवसर है. इनमें शिक्षा की घोर कमी होती है. कम पढ़ा-लिखा होने के कारण ये अधिकार से वंचित होते हैं.
इन्हें जागरूक कर वन भूमि में मकान बना कर रह रहे या जीविकोपार्जन कर रहे लोगों को वन भूमि का पट्टा दिया जाये, तभी इनका सर्वांगीण विकास हो सकता है. इसके पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी अजीत निरल सांगा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. कार्यशाला में बीडीओ, सीओ को वन अधिकार से संबंधित जानकारी दी गयी. बाद में बीडीओ, सीओ स्तर से स्थानीय मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और राजस्व कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी जानी है. मौके पर एसीएम बीबी सिन्हा, नया सवेरा के राम स्वरूप प्रसाद के अलावे सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ आदि मौजूद थे.