शहरी जलापूर्ति योजना : एक ख्वाब देखा था, हकीकत अब तक नहीं दिखी
– अरुण ओझा –
झुमरीतिलैया : करीब चार दशक बाद झुमरीतिलैया शहरवासियों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार की ओर से तोहफे के रूप में मिली शहरी जलापूर्ति योजना बाधाओं का शिकार है. लिहाजा योजना के लाभ के लिए लोगों को और इंतजार करना पड़ सकता है.
क्या है योजना
शहर में पेयजल की विकराल समस्या को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने वर्ष 2006 में झुमरीतिलैया शहरी जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था. लेकिन बजट का प्रावधान नहीं होने के कारण योजना का कार्य 2009 में शुरू हुआ. जिसे डेढ़ वर्ष में पूरा करना था, लेकिन चार वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है.
योजना के तहत शहर में पांच लाख गैलन क्षमता के चार जलमीनारों का निर्माण कर पूरे शहर को पानी की आपूर्ति की जानी है. लेकिन जमीन संबंधित समस्या एवं अन्य गतिरोध के कारण आज तक योजना का कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
क्या है समस्या
शहर की अति महत्वाकांक्षी शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पाइप लाइन विस्तार सहित गुमो, अड्डी बंगला, गांधी स्कूल व सीएच स्कूल विद्यालय परिसर में जल मीनार का निर्माण किया जाना है. लेकिन अभी तक मात्र दो जलमीनारों का निर्माण ही पूरा हो पाया है. इससे भी पानी की आपूर्ति पाइप लाइन एवं अन्य कार्य पूरा नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो सका है.
सीएच उच्च विद्यालय व गांधी हाई स्कूल में जलमीनार का निर्माण होना है. कई वर्षो तक इसके लिए जमीन की समस्या बनी रही. स्थानीय विधायक की पहल पर सीएच स्कूल व गांधी स्कूल में शिलान्यास, तो हुआ लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
उम्मीद की रोशनी धुंधली
विभाग व जिला प्रशासन द्वारा जून माह से शहर के गुमो व अड्डी बंगला में बन कर दो जलमीनार से पानी की सप्लाई शुरू करने का भरोसा लोगों को दिया गया था, लेकिन विभाग की तैयारी को देखते हुए 31 जुलाई तक शुरू करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन संवेदक की लापरवाही को देखते हुए अगस्त माह में भी पानी का सप्लाई शुरू होगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है.