कोडरमा : शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा..? यह सवाल कौंध रहा है सतगावां के लाल शहीद संतोष के परिजनों के मन में.
कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती सतगावां प्रखंड का लाल वतन के लोगों को बचाने में शहीद हो गया, पर उसके बाकी निशां को जिंदा रखने के लिए सरकार इतनी उदासीन है कि पूरे परिवार को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठना पड़ा है.
यह वाकया उस समय सामने आया है, जब महाराष्ट्र के पुणो व उत्तराखंड में एक बार फिर त्रसदी आयी है और एनडीआरएफ के जवान लोगों को बचाने में लगे हैं. संतोष पासवान पिछले वर्ष उत्तराखंड में आयी त्रसदी के बाद बचाव कार्य के दौरान 25 जून को हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गया था.
संतोष आइटीबीपी का जवान था. हादसे के चार दिन बाद 29 जून को जब संतोष का शव पैतृक गांव भखरा पहुंचा था, तो हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. श्रद्धांजलि से पहले व बाद में राज्य सरकार से लेकर अन्य प्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े वायदे किये, पर कुछ नहीं मिला. आज शहीद का परिवार मुआवजा, नौकरी व अन्य मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना पर बैठा है.
शहीद संतोष पासवान संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों लोग गुरुवार को धरना पर बैठे. धरना की अध्यक्षता टेहरो के मुखिया नरेश यादव ने की व संचालन मनोज भक्त ने किया. धरना को कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है.
धरना पर समर्थन में माले नेता सह जिप सदस्य रामधन यादव, लोजपा के बासुदेव पासवान, झाविमो के देवेंद्र मेहता, सुनील यादव, अंगलाल राम, गणोश दास, अर्जुन महतो, अजय कृष्ण, कटिया के मुखिया श्रवण रविदास, सीताराम राय, विनोद यादव, सरयू पासवान आदि भी बैठे. सभी ने शहीद के परिवार को सरकारी सहायता देने की मांग उठायी. परिजनों ने कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुई, तो वे धरना छोड़ अनशन पर बैठेंगे.