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लहलहा रही है पोस्ते की फसल
अपराध. बड़े पैमाने पर गैरकानूनी तरीके से की जा रही है पोस्ता की खेती जिला मुख्यालय से महज 10 से 15 किलोमीटर दूर कई गांव में पोस्ते की खेती की जा रही है. माना जा रहा है कि इन किसानों को नक्सली संगठन का संरक्षण प्राप्त है. उन्हीं की देखरेख में पोस्ते की खेती हो […]
अपराध. बड़े पैमाने पर गैरकानूनी तरीके से की जा रही है पोस्ता की खेती
जिला मुख्यालय से महज 10 से 15 किलोमीटर दूर कई गांव में पोस्ते की खेती की जा रही है. माना जा रहा है कि इन किसानों को नक्सली संगठन का संरक्षण प्राप्त है. उन्हीं की देखरेख में पोस्ते की खेती हो रही है.
खूंटी : खूंटी जिला क्षेत्र के कई थाना क्षेत्रों में पोस्ते की खेती धड़ल्ले से हो रही है. जानकारी के अनुसार खूंटी जिला के अड़की, मुरहूू, कर्रा, रनिया, खूंटी प्रखंड क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ भूमि पर पोस्ते की फसल लहलहा रही है.
अप्रैल माह में ये फसल तैयार हो जाते हैं. अफीम का रस तस्कर किसानों से प्रति किलोग्राम चालीस से पचास हजार रुपये मूल्य पर खरीदते हैं. इसका दिल्ली व बड़े शहरों में कीमत एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक है. पुलिस यदा-कदा कोई घटना व विशेष अभियान के तहत ही उन गांवों में जाती है. ऐसे में खेती निर्भय रूप से हो रही है. तस्कर बेखौफ पोस्ते की खेती कर रहे हैं.
चर्चा के मुताबिक हजारीबाग व चतरा क्षेत्र से उग्रवादियों द्वारा इस फसल की खेती करायी जा रही है. यही लोग क्षेत्र में अफीम की बीज भेजते हैं और फसल तैयार होने पर अफीम के द्रव को यही लोग पौधों से निकाल कर ले जाते हैं. संबधित नक्सलीगुट से रिश्ता रखनेवाले तस्कर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर पढ़े-लिखे लोगों से संपर्क साधते हैं. उन्हें गुमराह किया जा रहा है कि धान की फसल से महज भोजन ही मिल पायेगा, पर इस खेती में लाखों की कमाई होगी. प्रलोभन में आकर लोग इस अवैध खेती से जुड़ रहे हैं. यह फसल आनेवाले एक माह में तैयार हो जायेगा. फिलहाल यह सिलसिला गत कई वर्षोें से जारी है.
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