खूंटी : झारखंड के खूंटी जिला में पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता और कोचांग में पांच महिलाओं से गैंगरेप का मस्टरमाइंड जॉन जुनास तिड़ू को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसके साथ बलराम समद को भी गिरफ्तार किया है. खबर है कि इन्हें पश्चिमी सिंहभूम से गिरफ्तार किया गया है. दोनों राज्य से बाहर निकलने की फिराक में थे. पुलिस इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि दो दिन पहले ही ग्रामीणों ने इन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. तब से पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.
खूंटी के पुलिस अधीक्षक रविवार को अपराह्न 4:30 बजे खूंटी स्थित अपने कार्यालय में पत्थलगड़ी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में रांची के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप-महानिरीक्षक, कोल्हान के पुलिस उप-महानिरीक्षक, खूंटी के पुलिस अधीक्षक और जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक मौजूद रहेंगे.
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इस स्वयंभू नेता ने पिछले दिनों कहा था कि पत्थलगड़ी को डैमेज करने के लिए जिला प्रशासन जान-बूझकर उसका नाम कोचांग गैंगरेप से जोड़ रहा है. उसने इस घटना में संलिप्तता से इन्कार किया था. उसने कहा था कि लोकतंत्र आदिवासियों के लिए नहीं है. आदिवासियों को देश का राजा बताते हुए उसने लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के बहिष्कार का एलान करने तक की बात कही थी. उसने कहा था कि पत्थलगड़ी कुछ दिनों के लिए इस रोका गया है. जिस गांव में पत्थलगड़ी नहीं हुई है, वहां भी जल्द पत्थलगड़ी की जायेगी. संबंधित गांवकी ग्रामसभा द्वारा निर्णय लेकर ग्रामप्रधान पत्थलगड़ी करेंगे.
तिड़ू ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था कि वर्तमान में जो शासन व्यवस्था चल रही है, उससे आदिवासियों का अधिकार लूटा जा रहा है. वोट व्यवस्था के कारण स्थानीय संपदा की लूट मची है. इसके लिएवहपूरे देश के आदिवासियों को जगाने के अभियानमेंजुटा है.उसनेकहा कि आदिवासी समुदाय से वह अपील करेगा कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करें.
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इस स्वयंभू नेता ने कहा था किआदिवासियोंकी व्यवस्था में लोकतंत्र नहीं, ग्रामसभा सर्वेपरि है. वर्ष 1996 में पेसा कानून बना था. इस कानून के जरिये आदिवासियों से उनके अधिकार छीन लिये गये. पेसा कानून के माध्यम से पंचायती राज्य घोषित किया गया. पंचायती राज्य भी आदिवासियों के लिए सही नहीं रहा. इसमें आदिवासियों के अधिकारों का हनन हुआ. इसलिए उसे यह कानून भी मंजूर नहीं.
अपनी करतूत को सही ठहराने के लिए उसने कुछ तर्क भी पेश किये. तिडू ने कहा कि आदिवासियोंको संविधान में मिले अधिकारों की जानकारी देने के लिए गांव की सीमा पर लोगोंने पत्थलगड़ी की. इसमें कुछ गलत नहीं है. पत्थर पर लोगों के अधिकार को अंकित कर वह लोगों को जागरूक कर रहा है. कहा कि वर्जित क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन का कोई अधिकार नहीं होता. यहां ग्रामसभा के आदेश चलते हैं. वे लोग अपनी ग्रामसभा को सशक्त कर रहे हैं. इस क्षेत्र में अब पंचायत चुनाव नहीं होने देंगे.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड के खूंटी जिले के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव में पिछले दिनों एक नाट्य संगठन में काम करने वाली पांच युवतियों से दिनदहाड़े गैंगरेप किया गयाथा. महिलाएं पलायन और मानव तस्करी के खिलाफ काम कर रहे एक संगठन के लिए नुक्कड़ नाटक करने कोचांग गयीं थीं. पीड़िताओं में एक शादीशुदा महिला थी. पुलिस ने पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन बाद में मामला खुल गया. इसके बाद डीआइजी एवी होमकर ने खूंटी जाकर मामले की जांच की और घटना की पुष्टि भी की.
गैंगरेप की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष टीम बनायी गयी. टीम ने पश्चिमी सिंहभूम के लड़ाउली बंदगांव के अजूब सांडी और बुडमकेल निवासी आशीष सोनुआ को गिरफ्तार किया. इसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता जॉन जुनास तिड़ू के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया गया. जांच के दौरान पता चला कि 19 जून को आशा किरण संस्था एक टीम को कोचांग ले गयी थी. तिड़ू ने पीएलएफआइ व पत्थलगड़ी समर्थकों को बताया कि टीम पत्थलगड़ी का विरोध करती है. आशीष लोंगो और अजूब सांडी ने 164 के तहत दर्ज बयान में पुलिस को बताया कि तिड़ू के कहने पर ही छह युवक स्कूल आयेऔरसंस्थाकी टीम को छोटाउली जंगल ले गये. जंगल में तीन युवकों ने पांचों युवतियों से गैंगरेप किया.