जमशेदपुर: विद्यालयों में हर हाल में मध्याह्न् भोजन योजना के संचालन का संकल्प जिले में टूटने लगा है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित की विद्यालयों में पिछले एक सप्ताह से मध्याह्न् भोजन बंद है. केवल पोटका-वन में ऐसे 30 विद्यालय हैं, जहां बच्चे मध्याह्न् भोजन खाये बगैर ही घर लौट रहे हैं. चावल उपलब्ध नहीं होने के कारण विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन नहीं बन रहा है, वहीं जमशेदपुर व अन्य प्रखंडों में कई ऐसे भी विद्यालय हैं, जहां चावल के अलावा राशि (फंड) का अभाव है.
अभी भी नहीं मिल सका है पिछला बकाया
करीब दो वर्ष पूर्व अनेक विद्यालयों में राशि खत्म हो जाने की स्थिति में शिक्षक पास की दुकान आदि से उधार लेकर मध्याह्न् भोजन का संचालन करते थे. सेंट्रल किचन खुलने के बाद उनकी यह परेशानी तो खत्म हो गयी, लेकिन तब की बकाया राशि का अभी तक सभी विद्यालयों को भुगतान नहीं किया गया है.
कहीं 15 दिनों से बंद है
विद्यालय से लेकर प्रखंड स्तर पर कोई भी इस संबंध में कुछ बताना नहीं चाहता. कहीं मध्याह्न् भोजन पिछले करीब 15 दिनों से बंद बताया जा रहा है, तो कहीं एक सप्ताह से. कुल मिला कर स्थिति यह है कि कहीं शिक्षक कर्ज लेकर किसी तरह योजना चला रहे हैं, तो कहीं राशि नहीं होने के कारण बंद कर दिया गया है.
‘‘तकनीकी कारणों से राज्य एमडीएम सेल से एफसीआइ को भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण चावल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. वहीं विभाग को आवंटन भी नहीं मिल पाया है. इसलिए विद्यालयों में दाल, मसाला, तेल, सब्जी आदि के लिए भी राशि का आवंटन नहीं किया जा सका है.
-इंद्रभूषण सिंह, डीएसइ