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टाटा मोटर्स : हंगामा करने वाले 110 कर्मचारी सस्पेंड

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में 15 अप्रैल को स्थायी कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजा की मांग को लेकर हंगामा करना कर्मचारियों को महंगा पड़ा. टाटा मोटर्स प्रबंधन ने ऐसे 110 कर्मचारियों को सस्पेंड कर चार्जशीट देते हुए कारण बताने को कहा है. बताया जाता है कि प्रबंधन ने सीसीटीवी फुटेज और कैमरे से ली गयी […]

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में 15 अप्रैल को स्थायी कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजा की मांग को लेकर हंगामा करना कर्मचारियों को महंगा पड़ा. टाटा मोटर्स प्रबंधन ने ऐसे 110 कर्मचारियों को सस्पेंड कर चार्जशीट देते हुए कारण बताने को कहा है. बताया जाता है कि प्रबंधन ने सीसीटीवी फुटेज और कैमरे से ली गयी तसवीरों के आधार पर कार्रवाई की है.

हालांकि, टाटा मोटर्स के अधिकारिक प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. बताया जाता है कि कई कर्मचारी बुधवार को शो-कॉज सह चार्जशीट मिलने के बाद यूनियन के महामंत्री प्रकाश सिंह के पास पहुंचे और पत्र दिखाया. इस मामले में टाटा मोटर्स के एचआर हेड रवि सिंह ने बताया कि कुछ कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है, लेकिन उन्होंने संख्या का उल्लेख करने से इनकार कर दिया. टाटा मोटर्स मामले में दो और प्राथमिकी. टाटा मोटर्स कंपनी गेट व अस्पताल में हुए हंगामे को लेकर पहले तीन मामले दर्ज हो चुके हैं. इधर, पुलिस ने दो (कुल पांच) और मामले दर्ज किये हैं. टेल्को थाना में चौथा मामला आइपीइ इब्राहिम के बयान पर प्रकाश सहाय और ओम प्रकाश सहाय के खिलाफ और पांचवां प्रभा नारायण सिंह के बयान पर प्रकाश सहाय और ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज कराया गया है. दोनों मामले में धक्का-मुक्की करने और धमकाने का आरोप है.

बाहर निकलने को लेकर हुआ था हंगामा
पिछले दिनों टाटा मोटर्स में काम के दौरान धीरेंद्र सिंह की मौत के बाद मुआवजा को लेकर 15 अप्रैल को टाटा मोटर्स गेट पर आंदोलन हुआ था, जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए थे. आंदोलन के दिन ए शिफ्ट में काम करने गये सभी कर्मचारी अंदर ही फंस गये थे. ढाई बजे छुट्टी के बाद वे सभी गेट पर आ गये. शाम साढ़े पांच बजे आइपीटी प्रशिक्षु भी जेनरल ऑफिस पहुंचे और बाहर नहीं निकाले जाने पर हंगामा व तोड़फोड़ किया. जेनरल ऑफिस का मुख्य दरवाजा और बाहर रखे गमलों को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
खराब स्वास्थ्य बता 65 कर्मी को काम से बैठाया
जमशेदपुर. टाटा मोटर्स में धीरेंद्र सिंह और टीएमएल ड्राइव लाइन में अप्पू दत्ता की मौत के बाद प्रबंधन ने कर्मचारियों की सघन स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी है. मेडिकल जांच में 65 कर्मचारियों को ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के आधार पर अनफिट पाया है. उन्हें फिलहाल काम से बैठा दिया गया है. मेडिकल फिट होने और फिर स्वास्थ्य जांच में सही पाये जाने बाद ही कंपनी में इंट्री देने की बात प्रबंधन ने कही है. इसके अलावा प्रबंधन ने भी नये कर्मचारियों की इंट्री भी रोक दी है. बाइ सिक्स या अन्य तरीके के अस्थायी तौर पर काम करने वाले सभी स्तर के कर्मचारियों की पहले स्वास्थ्य जांच की जा रही है.गौरतलब है कि टाटा मोटर्स में पिछले दिनों बीमारी से धीरेंद्र सिंह की मौत के बाद हंगामे के बाद से यह कदम उठाये जा रहे हैं.
हेल्थ की जांच स्वाभाविक प्रक्रिया : प्रबंधन
टाटा मोटर्स ने अधिकारिक तौर पर बयान जारी कर कहा कि स्वास्थ्य जांच पहले भी होती रही है. यह रुटीन चेकअप का हिस्सा है. कंपनी के भीतर कर्मचारी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो, इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है. प्रबंधन कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सेफ्टी को लेकर गंभीर है.

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