एडमिशन नहीं होने पर वे छुट्टी लेकर जमशेदपुर आये और सेना की वर्दी पहन कर शहर के प्रमुख स्कूल लोयोला, कारमेल, सेंट मैरिज, डीबीएमएस आदि स्कूलों के प्रिंसिपल व स्कूल प्रबंधक से मिले, उन्हें बताया कि बॉर्डर पर तैनात हूं, लेकिन ध्यान हमेशा जमशेदपुर में लगा रहता है कि बच्चे का भविष्य क्या होगा. उसे अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहा हूं.
किसी स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है, लेकिन इन सब बातों को किसी भी स्कूल के प्रिंसिपल पर कोई असर नहीं पड़ा. सभी ने कहा कि वैकेंसी नहीं है, दूसरे स्कूल में जाअो, लेकिन उसी स्कूल में कुछ दिनों के बाद दूसरे बच्चे का एडमिशन हो गया. नायक ने सभी स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया अौर कहा कि गलत तरीके से प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन हो रहा है, लेकिन जो देश के सेवा कर रहे हैं, उनके बच्चों को छांटा जा रहा है. पूरे मामले की जांच करवा कर प्राइवेट स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग उसने उपायुक्त से की है.