दूसरे कमरे में उनकी पत्नी सोयी थी. सुभाशीष मुखर्जी का बेटा कॉल सेंटर में काम करने गया था. दूसरे दिन सुबह में बेटा कॉल सेंटर से काम कर लौटा, तो फ्लैट का दरवाजा मां ने खोला. अंदर घुसने के बाद पिता के कमरे में गया, तो पिता को जमीन पर पड़ा देखा. पिता के गले में तार लिपटा था. आनन-फानन में वह अपने पिता सुभाशीष मुखर्जी को इलाज के लिए टीएमएच ले गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि गला दबाने से मौत हुई है.
अब सवाल यह उठता है कि सुभाशीष मुखर्जी के गले में तार कैसे लिपटा या फिर किसी ने हत्या कर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया. कदमा पुलिस मामले की जांच कर रही है.