100 बेड के इस अस्पताल में पहले 12 ही डॉक्टर थे लेकिन अभी अब डॉक्टरों की संख्या 17 होने के बाद भी अस्पताल की सुविधाओं में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. अस्पताल में इन डोर, आउट डोर, प्रसव, इमरजेंसी की सुविधा उपलब्ध है. अस्पताल में मनोचिकित्सक भी नियुक्त हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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सिर्फ मेडिकल ओपीडी में रोटेशन से बैठते हैं डॉक्टर, सदर अस्पताल के कई ओपीडी हैं बंद
जमशेदपुर: सदर अस्पताल में वर्तमान में आॅर्थो, सर्जरी, मनोचिकित्सक व शिशु रोग से संबंधित डॉक्टर उपलब्ध हैं. फिर भी इससे संबंधित सभी ओपीडी बंद हैं. ये सभी डॉक्टर रोटेशन के आधार पर मेडिकल ओपीडी में बैठते हैं और आने वाले मरीजों का इलाज करते हैं. अलग ओपीडी नहीं खोले जाने की वजह यह बतायी जाती […]
जमशेदपुर: सदर अस्पताल में वर्तमान में आॅर्थो, सर्जरी, मनोचिकित्सक व शिशु रोग से संबंधित डॉक्टर उपलब्ध हैं. फिर भी इससे संबंधित सभी ओपीडी बंद हैं. ये सभी डॉक्टर रोटेशन के आधार पर मेडिकल ओपीडी में बैठते हैं और आने वाले मरीजों का इलाज करते हैं. अलग ओपीडी नहीं खोले जाने की वजह यह बतायी जाती है कि जितने डॉक्टर की पूरे अस्पताल में जरूरत है उससे कम डॉक्टर उपलब्ध हैं.
कौन-कौन डॉक्टर हैं मौजूद
डॉ बी साहा (उपाधीक्षक), डॉ स्वर्ण सिंह, डॉ प्रभाकर भगत, डॉ महेश्वर प्रसाद (वर्तमान में आरसीएच पदाधिकारी), डॉ एवीके बाखला, डॉ हर्षवर्धन, डॉ सुनील कुमार, डॉ जायसवाल, डॉ चंद्रा, डॉ केएस एक्का, डॉ राजीव शर्मा, डॉ प्रेमलता, डॉ वीणा सिंह, डॉ पूनम, डॉ मिंज, डॉ रंजीत पांडा (जेल में ड्यूटी दे रहे हैं)
100 बेड के अस्पताल को सही तरीके से चलाने के लिए कम से कम 31 डॉक्टर की जरूरत है. वर्तमान में सिर्फ 17 डॉक्टर हैं उसमें भी एक जेल ड्यूटी कर रहे हैं, तो दूसरे को आरसीएच पदाधिकारी बनाया गया है. इस वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है.
डॉ एसके झा, सिविल सर्जन
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