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‘311040 अरब वर्ष है पृथ्वी की आयु’

जमशेदपुर : गोलमुरी स्थित मिथिला सांस्कृतिक परिषद् में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म उत्कृष्ट है. दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक या बुद्धिमान व्यक्ति आज पृथ्वी, वायु, जल, आकाश की आयु नहीं बता सकता. सिर्फ सनातन धर्म के पास इसका उत्तर है. इनकी आयु 31 नील 10 खरब 40 […]

जमशेदपुर : गोलमुरी स्थित मिथिला सांस्कृतिक परिषद् में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म उत्कृष्ट है. दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक या बुद्धिमान व्यक्ति आज पृथ्वी, वायु, जल, आकाश की आयु नहीं बता सकता. सिर्फ सनातन धर्म के पास इसका उत्तर है. इनकी आयु 31 नील 10 खरब 40 अरब वर्ष है.

इसे समझने की जरूरत है, लेकिन आज हमारी शिक्षा पद्धति दिशाहीन हो जाने के कारण लोग सनातन धर्म से अनभिज्ञ हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि संगोष्ठियों से अलग होने के कारण लोग खुद को तो आस्तिक बताते हैं लेकिन अपनी आस्तिकता पुत्र, पौत्र-पौत्री तक भी नहीं पहुंचा पा रहे. इसके लिए घरों में संगोष्ठी करनी होगी. लोग पुरानी मान्यताएं निरस्त होने की बात करते हैं, किन्तु पृथ्वी, वायु, सूर्य सभी तो पुराने हैं, क्या इसकी महत्ता कम हो गयी है? इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. पुराण का अर्थ ही है प्राचीन होने पर भी नवीन.

विषय जन्य आनंद ही सब कुछ नहीं
विषय जन्य आनंद ही सबकुछ नहीं होता. इसकी तिलांजलि देनी चाहिए. उन्होंने गुलाब का उदाहरण दिया. कहा कि गुलाब भोग्य है. इसका आनंद भोग और व्यक्ति भोक्ता. आज सनातन धर्म से अनभिज्ञ होने के कारण ही समाज और राष्ट्र दिशाहीन हो गये हैं. इनका महत्व समझने की जरूरत है. इससे पूर्व अमित दे ने नारायण पादुका का पूजन किया. पीठ परिषद के अध्यक्ष लक्ष्मण झा और महासचिव ललन चौधरी ने शंकराचार्य का मिथिला के मखान का हार, शॉल और पाग से स्वागत किया. मंच संचालन डॉ अशोक अविचल ने किया.

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