जमशेदपुर: दुकानदारों की लापरवाही से गर्मी में दवा की गुणवत्ता घट जाती है. दवा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए उन्हें तय तापमान में रखना अनिवार्य होता है. ऐसा नहीं होने पर उनकी गुणवत्ता में 25-35 प्रतिशत तक की गिरावट आ जाती है. 2-8 डिग्री तापमान वाली दवाओं को फ्रिज में रखना होता है, इसमें इंजेक्शन-वैक्सीन शामिल होते हैं.
दुकानदार इस नियम का तो पालन करते हैं, पर बाकी को नजरअंदाज कर देते हैं. दवाओं को 25 डिग्री तापमान में रखने का नियम है, जिसे मानना दुकानदार भूल जाते हैं. इनमें आइ ड्रॉप, मलहम, जैल, कैप्सूल, कम पावर की दवाएं आती है. इसके अलावा कुछ दवाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें सूर्य की रोशनी से बचाना जरूरी होता है.
दवा की गुणवत्ता बनाये रखना दवा दुकानदारों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व है. ऐसा नहीं कर वे न केवल अपने व्यवसाय को खराब कर रहे हैं, बल्कि मरीजों की जिंदगी के साथ भी खेल रहे हैं. इस संबंध में जल्द ही एक पीआइएल दायर किया जायेगा. मनोज मिश्र, जेएचआरसी प्रमुख
25 डिग्री तापमान में दवा रखने पर उसकी गुणवत्ता बनी रहती है, जबकि जमशेदपुर का तापमान 45 डिग्री पार कर रहा है. केंद्र सरकार द्वारा नये कानून के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें प्रावधान है कि शहरी क्षेत्र में जो दुकान या होलसेलर होंगे, उन्हें फुल एसी व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी. अपने स्तर पर वे गुड स्टोरेज प्रैक्टिस प्रोमोट करने का काम कर रहे हैं. दवा के अधिक हीट हो जाने से वह मरीज के लिए कारगर नहीं हो सकती है. वह हानिकारक भी हो सकती है. सुमन तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर, जमशेदपुर