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एमजीएम : सुरक्षा और नियम ताक पर, बेरोक-टोक कैदी वार्ड में ”बाहरी” का प्रवेश

जमशेदपुर :रसूखदार और दबंग कैदियों के लिए आरामगाह माना जाने वाला एमजीएम का कैदी वार्ड एक बार फिर सुर्खियों में है. करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद शाहिद खान को अटेंडर देने के नाम पर कैदी वार्ड की सुरक्षा और जेल मैनुअल को पूरी तरह ताक पर रख दिया गया. जमशेदपुर से […]

जमशेदपुर :रसूखदार और दबंग कैदियों के लिए आरामगाह माना जाने वाला एमजीएम का कैदी वार्ड एक बार फिर सुर्खियों में है. करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद शाहिद खान को अटेंडर देने के नाम पर कैदी वार्ड की सुरक्षा और जेल मैनुअल को पूरी तरह ताक पर रख दिया गया.
जमशेदपुर से उड़ान सेवा शुरू करने वाले स्काई एयर के एमडी शाहिद खान को 31 मार्च 2016 को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद से ही रीढ़ की हड्डी में परेशानी के कारण शाहिद खान को जेल से एमजीएम कैदी वार्ड में इलाज के लिए शिफ्ट कर दिया गया. शाहिद खान का इलाज कर रहे एमजीएम हड्डी विभाग के प्रमुख डॉ जेएस बड़ाईक ने मरीज को चलने-फिरने में तकलीफ के कारण उसे अटेंडर की इजाजत देने का कैदी वार्ड के सुरक्षा प्रभारी के नाम से आग्रह पत्र प्रिस्क्रिप्शन में ही लिखकर दे दिया.

14 अप्रैल को लिखे गये इस आग्रह पत्र के आधार पर एक बाहरी व्यक्ति को जिसका अस्पताल से या इलाज से कोई लेना-देना नहीं है, कैदी वार्ड में कभी भी और कितने बार भी आने-जाने की इजाजत दे दी गयी. पिछले तीन माह से यह बाहरी शख्स शाहिद खान के अटेंडर के नाते कैदी वार्ड में बेरोक-टोक आ-जा रहा है. एमजीएम में तैनात एक निजी सुरक्षाकर्मी ने बताया कि कभी-कभी साथ में एक अन्य व्यक्ति भी वार्ड के अंदर चला जाता था.

खुद का नाम राजा बतानेवाले इस व्यक्ति ने अपना पता मानगो का रोड नंबर 12 बताया. यह फार्चूनर वाहन से आता है. इस घटना ने कैदी वार्ड और वहां रह रहे कैदियों की सुरक्षा दोनों पर सवालिया निशान लगा दिया है. अटेंडर की सिफारिश करने वाले डॉ बड़ाईक इस मामले में कहा कि उन्होंने सरकारी अटेंडर के लिए कहा था, ना कि बाहरी के लिए. वहीं कैदी वार्ड में तैनात हवलदार किरण हांसदा ने कहा कि डॉक्टर के लिखे होने के कारण वह अटेंडर को इजाजत दे रहे हैं. लेकिन मामले के सामने आने के बाद अटेंडर को पुलिसकर्मियों ने वार्ड से बाहर भेज दिया. तीन महीने से चल रहे इस मामले की जानकारी ना ही अस्पताल के वरीय अधिकारियों को है और ना ही पुलिस व जेल के वरीय अधिकारियों को.

िकसने क्या कहा
शाहिद खान की स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण डाॅक्टर ने अटेंडर देने का सुझाव दिया है. कैदी वार्ड में अटेंडर के रूप में बाहरी लोगों का प्रवेश नियम के विपरीत है. यहां अस्पताल के स्वीपर को ही ड्यूटी पर लगाया जाता है. कैदी वार्ड में आम लोगों का प्रवेश वर्जित है. अगर कोई बाहरी आ रहा है तो यह जांच का विषय है.
डा. विजय शंकर दास, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल,जमशेदपुर
कैदी वार्ड में किसी भी आमजन का प्रवेश वर्जित है. अगर मरीज के अटेंडर के नाम पर बाहरी लोग कैदी वार्ड में जा रहे हैं तो वह पूरी तरह से गलत है. मामला गंभीर है, जांच की जायेगी.
अनूप टी मैथ्यू, एसएसपी,पूर्वी सिंहभूम.
शाहिद खान की स्थिति गंभीर है. उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत है. इस कारण उन्हें अटेंडर रखने की सलाह दी गयी है. लेकिन अटेंडर के रूप में अस्पताल में नियुक्त स्वीपर को ही रखना है. अगर कोई बाहरी अटेंडर कैदी वार्ड में प्रवेश कर रहा है, तो वह गलत है. डाॅ. जेएस बड़ाईक, हड्डी विभाग,एमजीएम

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