जमशेदपुर: शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्थानीय कंपनियों के उत्पादों की ट्रांस्पोर्टिग की समस्या दूर करने के लिए घोड़ाबांधा से आगे लुआबासा के पास एक महत्वाकांक्षी पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है. लेकिन यह सरकारी काम कैसे चल रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करोड़ों खर्च कर पुल तो बन रहा है, लेकिन गाड़ियां शहर से पुल तक कैसे पहुंचेंगी और उनकी आवाजाही कैसे होगी, यह स्पष्ट नहीं. ऐसा इसलिए, कि पुल का निर्माण तो शुरू हो गया है, लेकिन सरकार ने अब तक उक्त पुल के लिए एप्रोच रोड का कोई प्रावधान ही नहीं किया है. जाहिर सी बात है कि इस पुल के उद्देश्य की पूर्ति होती नजर नहीं आ रही है.
अभी एप्रोच रोड का प्रावधान नहीं
एप्रोच रोड बनाने के लिए सर्वे जरूर हुआ था. उसके अनुसार 8 किलोमीटर आवश्यक एप्रोच रोड का 4 किमी क्षेत्र वन भूमि में आयेगा. अभी एप्रोच रोड बनाने का कोई प्रावधान नहीं है.
अनिल सिंह, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग
अब तक क्या कार्रवाई हुई
पथ निर्माण विभाग ने इसका एप्रोच रोड बनाने के लिए सर्वेक्षण कराया गया था, लेकिन उसमें 8 किलोमी सड़क के निर्माम में कई परेशानियां सामने आयी थीं. प्रस्तावित सड़क 4 किमी क्षेत्र वन भूमि में पड़ता है. इसी अड़चन के बाद योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गयी थी.
क्या है पुल बनाने का उद्देश्य
टेल्को क्षेत्र में पड़ने वाली टाटा मोटर्स, लाफार्ज सीमेंट, टाटा पावर, स्टील स्ट्रिप्स कंपनी समेत तमाम कंपनियों से निकलने वाली गाड़ियां सीधे घोड़ाबांधा, लुआबासा पुल से होते हुए हाइवे पर पहुंच जायेंगी, इससे शहर का यातायात दुरुस्त रहेगा.
क्या है परेशानी
घोड़ाबांधा होते हुए लुआबासा जाने का करीब आठ किलोमीटर का एप्रोच रोड होगा, जो अभी नहीं बना है. यह सड़क गांवों के बीच से जानी है. लोग कैसे आयेंगे, गाड़ियां कैसे जायेंगी, इसका कोई खाका स्पष्ट नहीं है.