बम ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने लश्कर ए तोइबा के आतंकी मो शाहनवाज को मुठभेड़ को मार गिराया था. शाहनवाज के पॉकेट से जमशेदपुर के जिला परिवहन कार्यालय से जारी ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया गया था. पड़ताल में यह बात सामने आयी थी कि शाहनवाज ने कई माह तक मानगो के रोड नंबर 13 में रह कर जमशेदपुर में ड्राइविंग सीखी थी. 2004 में कोलकाता पुलिस ने लश्कर ए तोइबा से संबंध रखने के आरोप में आजाद नगर निवासी तारिक अख्तर को गिरफ्तार किया था.
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आतंकवाद: आतंकी संगठन शहर को बनाते रहे हैं शरणस्थली
जमशेदपुर: शहर में आतंकी संगठन का लिंक पुराना है. हरियाणा के मेवात में संदिग्ध आतंकी अब्दुल समी की गिरफ्तारी से पहले भी शहर में लश्कर ए तोइबा, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहर से गिरफ्तार हुए हैं. वर्ष 1997 में सोनारी पुलिस ने मिलिट्री कैंप में घुसते समय अोड़िशा निवासी अलाउद्दीन को अवैध हथियार के साथ […]
जमशेदपुर: शहर में आतंकी संगठन का लिंक पुराना है. हरियाणा के मेवात में संदिग्ध आतंकी अब्दुल समी की गिरफ्तारी से पहले भी शहर में लश्कर ए तोइबा, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहर से गिरफ्तार हुए हैं.
वर्ष 1997 में सोनारी पुलिस ने मिलिट्री कैंप में घुसते समय अोड़िशा निवासी अलाउद्दीन को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. उसने स्वयं को तबलीगी जमात का सदस्य बताया था और कहा कि उसके गांव के कई लोग पाकिस्तान जाकर आतंकी कैंप में ट्रेनिंग ले चुके हैं. सोनारी पुलिस ने सिर्फ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा था अौर बाद में वह छूट कर गायब हो गया. इसके बाद 2003 में दीपावली के समय दिल्ली के अंसल प्लाजा में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी.
तारिक को साथ लाकर आजाद नगर के कुली रोड में छापेमारी कर नूर मोहम्मद को गिरफ्तार किया था. नूर मोहम्मद के घर से पुलिस ने विस्फोटक अौर आतंकी साहित्य अौर सीडी बरामद किया था, हालांकि दोनों बाद में कोर्ट से बरी हो गये. नूर मोहम्मद ने पूछताछ में खुलासा किया था कि आजाद नगर का सलाउद्दीन नामक युवक आजाद नगर के कई युवकों का पासपोर्ट लेकर अपने पास रखा हुआ है जिन्हें वह आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान ले जाने वाला था. 2007 में मुंबई के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट करने वाले अातंकियों में से आसिफ के जमशेदपुर के टेल्को में कई दिनों तक आकर रहने की सूचना मिली थी. गिरफ्तारी के पूर्व वह यहां से भाग निकला था अौर कोलकाता से गिरफ्तार हुआ था.
मध्य प्रदेश के भोपाल समेत की शहरों में सिपाही, वकील की हत्या कर तथा भोपाल में मण्णापुरम गोल्ड में छह करोड़ के सोने की डकैती कर इंडियन मुजाहिदीन का भोपाल सरगना मुंबई निवासी अबू फैजल उर्फ डॉक्टर अपने साथी अौर रिश्तेदार इकरार शेख के साथ भाग कर जमशेदपुर आया था. जमशेदपुर के जाकिर नगर रोड में उसने घर खरीदा था अौर उसके साथी ने डिमना रोड की एक गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन लिया था अौर जमशेदपुर परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का आवेदन दिया था. अबू फैजल अौर इकरार शेख अपनी पत्नी के साथ लगभग ढाई माह तक जाकिर नगर में शरण लिए थे. बाद में भोपाल पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अबू फैजल, इकरार शेख को चार अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद भोपाल एटीएस ने अबू फैजल अौर इकरार शेख को लाकर जाकिर नगर स्थित खरीदे गये घर भोपाल से लूटा गया सोना बरामद किया था. बाद में 1 अगस्त 2014 को अबू फैजल अौर उसके साथी बड़ोदरा जेल से फरार हो गये थे. जेल से भागने के बाद भी अबू फैजल झारखंड आया था अौर अोड़िशा में बैंक डकैती की घटना को अंजाम दिया था.
पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की सभी में बम विस्फोट में शामिल रांची के सीठियो के आंतकियों से भेंट करने के बाद वह मध्य प्रदेश में गिरफ्तार हुआ था. 2014 में कोलकाता पुलिस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन का सदस्य होने के आरोप में जाकिर नगर में छापामारी कर शीश मोहम्मद को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में वह जांच में निर्दोष निकला था.
कटक निवासी अब्दुल रहमान कटकी की गिरफ्तारी के बाद जमशेदपुर के कई युवकों के अल कायदा कनेक्शन की बात सामने आ रही थी जिसके बाद धातकीडीह निवासी अब्दुल समी को गिरफ्तार किया गया.
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