जमशेदपुर: अब राज्य में बिजली बिल का भुगतान डाकघर से होगा. बिजली बिल के डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर बिल के कलेक्शन तक का काम डाकघर करेगा. इसके लिए डाक विभाग और झारखंड सरकार के साथ एमओयू होगा. सरकार से दो चरण की बातचीत भी हो चुकी है. उक्त बातें चीफ पोस्टमास्टर जनरल एएस प्रसाद ने कही.
जमशेदपुर पहुंचने के बाद वे पत्रकारों से बात-चीत कर रहे थे. सरकार से 6 साल पहले भी बात-चीत हुई थी. पहले चरण में इसे रांची में शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में अगर डाक विभाग चाहे तो अपने स्तर पर वे स्थानीय स्तर पर अभी से ही शुरू कर सकते हैं.
अब इस्तेमाल हो सकेगा पिन 831020
शहर में दस साल के बाद किसी डाक घर की शुरुआत की जा रही है. अब पारडीह में भी डिपार्टमेंटल पोस्ट ऑफिस होगा. जिसका पिन कोड 831020 होगा. जनवरी के अंत तक यह शुरू होगा. नये सिविल कोर्ट में भी पोस्टल सर्विसेज की सुविधा दी जायेगी. दोनों पोस्ट ऑफिस पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड होंगे.
सेकेंड फेज में कोर बैंकिंग सिस्टम .पिछले 4 दिसंबर को देश में पहले इ पेमेंट सर्विस शुरू हुआ. तमिलनाडु से इसकी शुरुआत की गयी है. देश के सभी 26000 डाकघरों में इसकी शुरुआत की गयी है. सेकेंड फेज में झारखंड में शुरू किया जायेगा.
राज्य के सभी 454 डिपार्टमेंटल और रूरल पोस्ट ऑफिस में यह शुरू होगा. इसके लिए विभाग के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल एएस प्रसाद ने कहा कि कोर बैंकिंग सिस्टम के लिए विभाग 99.92 फीसदी तैयार है.
विभाग ने शुरू किया इंटरनेशनल फाइनांसियल सर्विसेज
आप अगर भारत से बाहर हैं और आपको भारत में पैसे भेजना है तो अब तक आपके पास सीमित विकल्प थे, लेकिन इस दिशा में डाक विभाग ने पहल की है और आइएफएस ( इंटरनेशनल फाइनांसियल सर्विसेज ) की शुरुआत की है. अब तक तीन एजेंसी के जरिये ही पैसे का आदान प्रदान किया जाता था. इसमें यूएइ, मनी ग्राम और वेस्टर्न यूनियन शामिल हैं. इन तीनों के अलावा अब आइएफएस के जरिये फिलहाल फ्रांस और यूएइ देशों से पैसे भेजे जा सकते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में इसे लेकर कनाडा, यूरोप, कोरिया, थाईलैंड, मलेशिया समेत कई अन्य देशों के साथ वार्ता की जा रही है.
क्या होगा फायदा
कोर बैंकिंग सिस्टम शुरू होने से देश के किसी भी कोने से किसी भी डाकघर से आप राशि का आदान-प्रदान कर सकेंगे. इसके लिए विभाग की ओर से एक डेबिट कार्ड जारी किया जायेगा. इसके लिए एनपीसीआइ की मदद ली जा रही है. सभी पोस्टऑफिस में एटीएम लगाया जा रहा है. इस सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने के लिए इनफोसिस के फिनैकल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जायेगा.