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वैज्ञानिक समझ जरूरी : डॉ श्रीकांत
जमशेदपुर: खनिज प्रसंस्करण संयंत्रों के बेहतर संचालन के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान व वैज्ञानिक समझ जरूरी है. इसके जरिये नयी तकनीक से कम गुणवत्ता वाले खनिज व अयस्क की गुणवत्ता बढ़ायी जा सकती है. यह बात सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ एस श्रीकांत ने कही. वह मंगलवार से यहां आयोजित चार दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम एमसीबीए-2016 […]
जमशेदपुर: खनिज प्रसंस्करण संयंत्रों के बेहतर संचालन के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान व वैज्ञानिक समझ जरूरी है. इसके जरिये नयी तकनीक से कम गुणवत्ता वाले खनिज व अयस्क की गुणवत्ता बढ़ायी जा सकती है. यह बात सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ एस श्रीकांत ने कही. वह मंगलवार से यहां आयोजित चार दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम एमसीबीए-2016 के उदघाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. मौके पर एमएनपी डिवीजन के विभागाध्यक्ष डॉ बीआर नायक ने ए 1950 से सीएसआइआर-एनएमएल के साथ मिनिरल प्रोसेसिंग उद्योग के संबंध पर चर्चा की. मुख्य वैज्ञानिक व एमसीबीए के को-ऑर्डिनेटर डॉ रत्नाकर सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी.
डॉ अमिताभ मित्रा ने मौजूदा दौर में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को समय की मांग बताया. पीटीपी की को-ऑर्डिनेटर व वरीय प्रधान वैज्ञानिक डॉ मीता तरफदार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
भाग ले रहे विभिन्न प्रतिष्ठानों से आये प्रतिभागी. इस कार्यक्रम में शहर व विभिन्न क्षेत्रों में स्थित संस्थान व प्रतिष्ठानों से आये 22 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. इनमें एनआइटी जमशेदपुर की आशा कुमारी, आशापुरा माइनकेम की रितु कुमारी समेत टाटा स्टील बीच मिनिरल व अन्य प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि शामिल हैं. पहले दिन उदघाटन सत्र के बाद मिनिरल प्रोसेसिंग पर व्याख्या व हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग हुई. यह आयोजन सीएसआइआर-एनएमएल के बिजनेस डेवलपमेंट डिवीजन, एमएनपी व आइएमडीसी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है.
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