जमशेदपुरः घर की माली हालत काफी खराब है. घर माहौल भी प्रतिकूल है. इन सबके बावजूद विवेक कुमार ने अपनी पढ़ाई पर असर नहीं होने दिया.
विवेक बिष्टुपुर स्थित नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल का छात्र व आदित्यपुर निवासी सतीश कुमार शर्मा का पुत्र है. श्री शर्मा बिष्टुपुर स्थित वोल्टाज हाउस स्थित एक कंपनी के कार्यालय में सिक्यूरिटी गार्ड हैं. उनकी आमद करीब 4000 रुपये है और वर्ष 2010 से वह किडनी रोग से पीडि़त हैं. दिन में तीन बार घर में ही डायलॉसिल करना पड़ता है. तबीयत ठीक रही, तो ड्यूटी पर जाते हैं. मां किरण शर्मा गृहिणी हैं. घर में कमाने वाला कोई और सदस्य नहीं है. ऐसे में विवेक की स्कूल फीस बमुश्किल ही जमा होती है. विवेक की मेधा को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने आधी फीस माफ कर दी. एक छोटी बहन है, जो इसी स्कूल में नौवीं की छात्रा है.
कैसे साकार होगा इंजीनियरिंग का सपना
विवेक ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहता है. आइआइटी से बी-टेक करना चाहता है. इसके लिए कहीं कोचिंग करने के लिए पैसे तो नहीं हैं, लेकिन अपने स्तर से तैयारी करेगा. मेधा के बल पर कहीं से स्कॉलरशिप मिल गयी, तो ठीक है. यदि नहीं मिली, तो आवश्यकता के अनुसार कहीं काम करके भी यह सपना पूरा करेगा, ताकि पिता का इलाज करा सके. विवेक बताता है कि फिलहाल प्लस वन में नामांकन कराना है. उसने जितना सोचा है, पूरा हुआ तो ठीक है, नहीं तो इंजीनियरिंग का सपना कैसे साकार हो यह उसके लिए एक बड़ा सवाल है.