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टाटा स्टील. किसानों को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी : सांसद
जमशेदपुर: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से प्रयास कर रही है. उक्त बातें जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कही. श्री महतो गुरुवार को टाटा स्टील की ओर से कदमा गणेश पूजा मैदान में आयोजित वार्ता-कृषि सम्मेलन के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे […]
जमशेदपुर: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से प्रयास कर रही है. उक्त बातें जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कही. श्री महतो गुरुवार को टाटा स्टील की ओर से कदमा गणेश पूजा मैदान में आयोजित वार्ता-कृषि सम्मेलन के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इसके पूर्व सांसद व पद्मश्री सिमोन उरांव ने दीप प्रजवलित कर सम्मेलन का उदघाटन किया. तीन दिवसीय सम्मेलन में कोल्हान के करीब 600 खेतीहर किसान भाग ले रहे हैं. खेती को बचाने के लिए कृषकों को किस तरह आगे लाया जाये, इसे लेकर बातचीत की जायेगी. इसमें कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. सांसद ने कहा कि कृषकों को आगे लाने के लिए प्रत्येक पंचायत में पांच तालाब खोदे जायेंगे. इसके लिए कदम उठाये जा रहे हैं.
कृषकों को सही मार्गदर्शन मिलेगा : भास्करन
कार्यक्रम में टाटा स्टील के वीपी सीएस सुनील भास्करन ने कहा कि यह एक छोटा सा प्रयास है, ताकि कृषकों को सही मार्गदर्शन मिल सके और हरित क्रांति का सूत्रपात हो सके. टाटा स्टील के वीपी ने कहा कि आबादी बढ़ने से कई स्थानों पर खाद्यान्न संकट है. इसे रोकने के लिए कृषकों को आगे आना चाहिए.
मौके पर इंटरनेशल क्राप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमीएरिड ट्रॉफिक के निदेशक डॉ सुभाष वानी और नाबार्ड के चीफ जेनरल मैनेजर सुब्रत मंडल मौजूद थे. इस दौरान टाटा स्टील के चीफ सीएसआर बिरेन भुटा और झारखंड हेड सीएसआर देवदूत मोहंती ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी के लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान प्रदर्शनी लगायी गयी है, जिसका लाभ लोग उठा सकते हैं.
पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा
सिर्फ अवार्ड देने से नहीं किसानों का भला जरूरी
रांची के बेड़ो में देसी तरीके से रेन वाटर हारवेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) कर पद्मश्री अवार्ड पाने वाले सिमोन उरांव ने सरकारी कार्य पद्धति पर सवाल खड़े किये. श्री उरांव ने कहा कि सिर्फ अवार्ड देने से नहीं होगा. किसानों का भला और पानी बचाने के लिए सबको सोचना होगा. ठेठ देहाती अंदाज में पद्मश्री सिमोन उरांव ने टाटा स्टील के वार्ता-कृषि सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि खेत और पानी बचाने से ही देश बचेगा.
प्रकृति को नाराज किया स्वयं पानी बचाना होगा
श्री उरांव ने कहा कि प्रकृति को हमने नाराज कर दिया है. इस कारण पानी बचाने के लिए हमें आगे आना होगा. अगर पानी नहीं बचा, तो खेत और फिर सबकुछ बरबाद हो जायेगा. एक हजार फीट नीचे तक जलस्तर चला गया है.
विश्व में कहीं पानी,अनाज का कारखाना है क्या
उन्होंने लोगों से पूछा कि विश्व में 216 देश है. कहीं पानी या अनाज का कारखाना देखा है. अनाज या पानी का कोई विकल्प नही है. इस कारण सबको आगे बढ़कर सोचने की जरूरत है.
हमारे चापाकल, चेकडैम नहीं टूटते, सरकारी कैसे टूट जाते हैं
श्री उरांव ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने हर गांव में तालाब बनाया है. हमारा चापाकल या चेकडैम नहीं टूटता है. सरकारी कैसे टूट जाता है. हम लोगों ने पहरा देकर 600 एकड़ जमीन को जंगल बनाया. गांवों में आज ट्रैक्टर खरीदने तक का पैसा नहीं है. नौ लाख की गाड़ी लोग कैसे खरीद सकते हैं, इसका इंतजाम करना होगा.
झारखंड में 36 करोड़ से बनेगा ग्रीन हाउस
झारखंड में क्लाइमेट चेंज पर नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) काम कर रहा है. राज्य सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहा है. उक्त बातें नाबार्ड के चीफ जेनरल मैनेजर (सीजीएम) एस मंडल ने कही. श्री मंडल गुरुवार को कदमा गणेश पूजा मैदान में आयोजित कृषि सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. सीजीएम ने बताया कि 36 करोड़ का योजना पर वन विभाग के साथ काम किया जा रहा है, ताकि ग्रीन हाउस का निर्माण किया जा सके. यूएन के साथ मिलकर ग्रीन फंड को विकसित किया जा रहा है. इसके लिए भारत में सौ मिलियन डॉलर खर्च होगा. 350 करोड़ रुपये दो साल के लिए खर्च किया जाना है. वहीं राज्य का विकास के लिए 365 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है, जिस पर काम चल रहा है. भारत सरकार को इसके लिए मंजूरी दे दी गयी है.
सरायकेला राज्य का पहला किसानों की कंपनी का जिला बना : श्री मंडल ने बताया कि सरायकेला राज्य का पहला किसानों की कंपनी बनाने वाला जिला बन गया है. यहां सब्जियों की खेती होती है. कुकड़ू, ईचागढ़ और चांडिल के करीब 500 किसानों के उत्पादों को इकट्ठा कर कंपनी बनायी गयी है. इसे कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड भी कराया गया है. राज्य में कई अन्य ऐसी कंपनियां स्थापित की जायेगी.
राज्य में तालाब बनाने के लिए 330 करोड़ : नाबार्ड के सीजीएम ने बताया कि राज्य सरकार को वाटर शेड प्रोजेक्ट के लिए पैसे दिये जा रहे हैं. इसके तहत कुल 330 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, जो हर पंचायत में एक तालाब खोदा जायेगा. किसानों के लिए बीमा पॉलिसी लायी जा रही है.
पशुपालन पर 90 फीसदी की सब्सिडी : श्री मंडल ने बताया कि अगर कृषि में किसी तरह की दिक्कत है, तो पशुपालन के लिए भी फंडिंग की जायेगी. इसके तहत 90 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है.
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