सर्वप्रथम डॉ बीडी शर्मा को श्रद्धाजंलि दी गयी. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉ बीडी शर्मा ने संविधान के 73वें संशोधन के बाद 5वीं अनुसूची के आदिवासी इलाकों के लिए पेसा कानून लागू करने में अहम योगदान दिया.
उन्होंने कलक्टर के रूप में बस्तर की आदिवासी जनता व अनुसूचित जाति–जनजाति आयोग के आयुक्त के रूप में आदिवासी के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये़ वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी जीवन शैली से ही प्रकृति बचेगी. ग्रामसभा का अधिकार कायम करने के लिए निर्णायक आंदोलन की जरूरत है़ इस अवसर पर सीआर माझी, कुमार चन्द्र मार्डी, मदन मोहन सोरेन, मंथन, गौतम बोस, सालगे मार्डी, कौशल्या मुंडा, नरेश मुर्मू, सिद्धेश्वर सिंह सरदार, संग्राम हेम्ब्रम, हरीश भूमिज, सुदर्शन सिंह सरदार, उमाचंद्र आदि ने अपने विचार रखे. मौके पर विश्वनाथ महतो, दीपक, जगत, अंकित आदि मौजूद थे.