9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

.. और अब डेथ सर्टिफिकेट की छीना-झपटी

जमशेदपुर: व्यक्ति जीवित रहता है, तब विवादों को तो किसी तरह सुलझा लेता है. माता-पिता होने के नाते अपने बच्चों के प्रति सारे कर्तव्य निभाता है. बेटे-बेटी-दामाद-बहू से लेकर हर किसी की देखरेख करता है और रिश्ते पर कोई आंच नहीं आये, इसके लिए हर संभव कोशिश करता है. लेकिन मौत के बाद भी अब […]

जमशेदपुर: व्यक्ति जीवित रहता है, तब विवादों को तो किसी तरह सुलझा लेता है. माता-पिता होने के नाते अपने बच्चों के प्रति सारे कर्तव्य निभाता है. बेटे-बेटी-दामाद-बहू से लेकर हर किसी की देखरेख करता है और रिश्ते पर कोई आंच नहीं आये, इसके लिए हर संभव कोशिश करता है. लेकिन मौत के बाद भी अब रिश्ते की उलझन पीछा नहीं छोड़ रही है. अब रिश्तेदार अपने स्वार्थ के लिए मृतक को भी विवादों में घसीटने में संकोच नहीं कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ दिख रहा है जमशेदपुर के बदलते लाइफ स्टाइल और कल्चर में.

पारिवारिक विवाद और आपसी दूरियों के हालात क्या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर के नगर निकायों और जमशेदपुर ब्लॉक में करीब 400 से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र हैं, जिसको लेने वाला या तो कोई नहीं है या विवादों के कारण रूक गया है. मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर खींचतान मची हुई है. कई दावेदार सामने आ रहे हैं. यहीं नहीं, एक दूसरे को प्रमाण पत्र जारी नहीं करने को लेकर हिदायत भी दी जाती है और यह विवाद अब अखाड़ा का रूप लेता जा रहा है. इस विवाद से जमशेदपुर, मानगो अक्षेस, जुगसलाई नगरपालिका और जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय भी रुबरु हो रहा है.

क्यों हो रहा है विवाद

मृत्यु प्रमाण पत्र इंश्योरेंस से लेकर संपत्ति से लेकर हर किसी के कागजात को हासिल करने में अनिवार्य होता है

मृत्यु प्रमाण पत्र को हासिल कर बैंक एकाउंट में अपनी दावेदारी लोग पेश करना चाहते हैं ताकि उनकी संपत्ति हो जाये

हर कोई मारे गये व्यक्ति की संपत्ति पर नजर रखता है

किस तरह के मामले आते हैं
चार बेटे हैं, तो चारों में प्रमाण पत्र उन्हें ही (चारों अपने-अपने लिये) देने की होड़ लगी रहती है. अक्षेस या संबंधित विभाग विवाद निबटाना चाहता है और चारों को एक-एक कॉपी दे देना चाहता है, लेकिन चारों में इस बात पर दबाव बनाने की रणनीति शुरू करते हैं कि उनके अलावा किसी अन्य को कॉपी नहीं दिया जाये.

बेटों की दावेदारी को खारिज करते हुए बेटियां भी अक्षेस कार्यालय आ रही हैं

दामाद और बहू भी दावेदारी करने आ जाते हैं और कहते हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र उनको जारी कर दिया जाये

मारे गये पति के कागजात बच्चों को देने से मां मना कर देती हैं ,तो मारी गयी मां के कागजात बच्चों को देने से पिता ही मना कर देते हैं

क्या है नियम

एक माह के भीतर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन देना होता है

अगर अस्पताल में मौत हुई तो इसकी जानकारी अस्पताल के जरिये ही आ जाती है

कोई भी नजदीकी रिश्तेदार बेटे या बेटी या फिर पत्नी को यह दस्तावेज प्रदान कर दिया जाता है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें