बताया जाता है कि घोटाले में कई उच्चाधिकारियों के नाम शामिल हैं. जांच के दायरे में आने वाले अधिकारियों को तत्काल शंटिंग में डाला गया है. उनसे कम काम लिया जा रहा है.
इस बारे में अाधिकारिक बयान लेने के लिए जुस्को प्रवक्ता राजेश राजन से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने दूरभाष पर कोई जवाब नहीं दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कई बिलिंग व आयोजनों में गड़बड़ी की गयी है. ठेका पट्टा देने में पैसे के लेन-देन की बात सामने आयी है. हालांकि, इस बारे में अाधिकारिक तौर पर जानकारी देने से सभी बच रहे हैं.