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रेल कॉलोनियों में रोजाना हजारों गैलन पानी की बरबादी

रेल कॉलोनियों में रोजाना हजारों गैलन पानी की बरबादी- टंकी से ओवरफ्लो और पाइप लिकेज से सड़कों पर बह रहा पानी (फोटो 17 के आनंद 1,2,3,4,5,6,7)- टंकियों के सेफ्टी वॉल खराब या चोरी होने से परेशानी वरीय संवाददाता, जमशेदपुरटाटा रेलवे कॉलोनियों में ओवरफ्लो और पाइप लिकेज के कारण रोजाना हजारों गैलन पानी सड़कों पर बह […]

रेल कॉलोनियों में रोजाना हजारों गैलन पानी की बरबादी- टंकी से ओवरफ्लो और पाइप लिकेज से सड़कों पर बह रहा पानी (फोटो 17 के आनंद 1,2,3,4,5,6,7)- टंकियों के सेफ्टी वॉल खराब या चोरी होने से परेशानी वरीय संवाददाता, जमशेदपुरटाटा रेलवे कॉलोनियों में ओवरफ्लो और पाइप लिकेज के कारण रोजाना हजारों गैलन पानी सड़कों पर बह जाता है. रेल क्वार्टरों की पानी टंकी का सेफ्टी वॉल खराब या चोरी होने से पानी सड़कों पर बह जाता है. इस पानी से लोग गाड़ी, जानवर समेत अन्य सामान धोते हैं. वहीं स्थानीय होटल व दुकानवाले इस पानी का इस्तेमाल करते हैं. दूसरी अोर टाटानगर की विभिन्न रेलवे कॉलोनियों में पाइप फटने (लिकेज) से दिनभर रेल कॉलोनी की सड़कों पर पानी बहता रहता है. इससे सड़क पर कीचड़ फैल जाता है. यहां होती है पानी की बरबादीट्रैफिक कॉलोनीबागबेड़ा कॉलोनी लोको कॉलोनीइन जगहों पर है पाइप लिकेजटाटा रेलवे हाई स्कूल के समीपलाल बिल्डिंग के समीप (दो जगहों पर)बागबेड़ा मॉडल कॉलोनी (09 जगहों पर) ट्रैफिक कॉलोनी (अलग-अलग 11 जगहों पर) जून में लगा था सेफ्टी वॉल, ज्यादातर चोरी हुएरेलवे वाटर डिपार्टमेंट के मुताबिक टाटानगर के रेलवे कॉलोनियों के दर्जनों बिल्डिंग व हजारों क्वार्टरों के पानी में टंकी में जून (2015) में सेफ्टी वॉल लगाया था. इसमें अधिकांश चोरी हो गया है. टाटा वाटर डिपार्टमेंट ने सेफ्टी पेनाल्टी लगाने के संबंध में एक रिपोर्ट चक्रधरपुर डिवीजन मुख्यालय में भेजी है. वाटर डिपार्टमेंट ने पानी की बरबादी रोकने के लिए रेलकर्मी को जागरूक होने का अनुरोध किया है. अाखिर सेफ्टी वॉल रेलकर्मी के घर के उपर से कैसे गायब हो रहा है. पानी की बर्बादी न हो, यह उनकी भी जिम्मेवारी है.रोजाना 13 लाख गैलन होती जलापूर्तिरेलवे वाटर डिपार्टमेंट के मुताबिक टाटा के छह (बागबेड़ा, ट्रैफिक, लोको, कैरेज, खासमहल, मेडिकल व अॉफिसर) कॉलोनियों में रोजाना दो 13 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है. यह पानी खरकई नदी से बागबेड़ा फिल्टर प्लांट में ट्रीटमेंट के बाद 2200 क्वार्टरों में आपूर्ति होती है. हालांकि बरबादी का आंकड़ा विभाग के पास नहीं है.वर्जन —–टाटानगर के रेलवे कॉलोनियों में पानी की बर्बादी की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है, तो संबंधित विभाग के पदाधिकारी से बात करूंगा. इसो रोकने के लिए जल्द उपाय किये जायेंगे. – सत्यम प्रकाश, सीनियर डीसीएम, चक्रधरपुर डिवीजन.

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