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प्रखंड के डॉक्टरों को प्रमुख से लेनी होगी छुट्टी

जमशेदपुर: डॉक्टरों के मुखिया से छुट्टी लेने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को मांडर के एक कार्यक्रम में कहा है कि सरकारी डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर, सिविल सर्जन से ही अवकाश लेंगे अौर मुखिया डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने पर सूचित करेंगे. राज्यपाल के आदेश से ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के सचिव द्वारा […]

जमशेदपुर: डॉक्टरों के मुखिया से छुट्टी लेने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को मांडर के एक कार्यक्रम में कहा है कि सरकारी डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर, सिविल सर्जन से ही अवकाश लेंगे अौर मुखिया डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने पर सूचित करेंगे. राज्यपाल के आदेश से ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के सचिव द्वारा 16 अक्तूबर 2015 को जारी संकल्प (संख्या- 3053) में प्रखंड स्तर पर पदस्थापित प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति प्रमुख द्वारा दी जायेगी.

जारी संकल्प में कहा गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रखंड स्तर पर प्रमुख एवं सदर अस्पताल के प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिला परिषद अध्यक्ष होंगे, ग्राम पंचायत के माध्यम से सुनिश्चित कराया जायेगा कि स्वास्थ्य केंद्रों/ उप केंद्रों पर चिकित्सक पूर्व से निर्धारित तिथियों पर अवश्य जायें, चिकित्सकों द्वारा केंद्र पर जाने संबंधित मासिक प्रतिवेदन मुखिया के द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी/ असैनिक शल्य चिकित्सक को प्रेषित की जायेगी. इसी के आधार पर उनके वेतन भुगतान की कार्रवाई होगी. एएनएम को अवकाश की स्वीकृति मुखिया से लेनी होगी. मुखिया के मासिक उपस्थिति प्रतिवेदन के आधार पर ही एएनएम के वेतन का भुगतान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा. प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति प्रमुख देंगे.

इससे संबंधित पंजी का संधारण पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी/ सचिव द्वारा की जायेगी. जिला स्तर पर असैनिक शल्य चिकित्सक के आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति जिला परिषद अध्यक्ष देंगे. इससे संबंधित पंजी का संधारण जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा की जायेगी. प्रखंड के सीएचसी-पीएचसी में पदस्थापित होते हैं चिकित्सक : प्रखंड स्तर पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की पोस्टिंग होती है, उप स्वास्थ्यकेंद्र के लिए अलग से चिकित्सकों की पोस्टिंग नहीं होती है. किसी सीएचएसी-पीएचसी में चार चिकित्सक हैं अौर उस प्रखंड में दस उप केंद्र हैं तो चार चिकित्सक दस उप केंद्रों को तिथिवार आपस में बांट लेते हैं अौर सप्ताह में तय तिथि को जाकर वहां मरीजों को देखते हैं.

10 लाख तक की मनरेगा की योजना की स्वीकृति देंगे बीडीअो : मनरेगा अंतर्गत सेल्फ अॉफ प्रोजेक्ट में शामिल एवं उसमें निहित प्राथमिकता के आधार पर एवं तकनीकी तथा अन्य रूप से संतुष्ट होने पर 10 लाख रुपये तक की योजना की स्वीकृति प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा दी जायेगी. ऐसी स्वीकृत योजनाअों को पंचायत समिति की आगामी बैठक में अनुमोदित कराना आवश्यक होगा.

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