नन-बैंकिंग से इ-बैंकिंग तक सतर्कता जरूरी (ऋषि की तसवीर होगी)फ्लैग::: एक्सएलआरआइ में आयोजित कार्यक्रम में आरबीआइ ने ग्राहकों को किया सतर्क बैंकिंग में रखें ध्यान -अगर नन बैंकिंग में निवेश करना है, तो यह जरूर देखें कि उसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मंजूरी मिली है या नहीं. वेबसाइट पर इसकी सूची है. – किसी भी नन बैंकिंग कंपनी को पांच साल से ज्यादा या एक साल से कम का डिपॉजिट नहीं लेने और 12.5 फीसदी ब्याज से ज्यादा नहीं देने की हिदायत है. -एटीएम या डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कहीं भी करें, वहां किसी अन्य को कार्ड न दें. इससे क्लोनिंग का खतरा ज्यादा रहता है. कार्ड पर लिखे नंबर को चुराकर कोई भी उसका गलत उपयोग कर सकता है. -मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग में यूजर नेम व पासवर्ड किसी भी हाल में किसी से साझा न करें.-किसी तरह का फोन बैंक के नाम पर आता है और वह अापका गोपनीय कोड नंबर पूछे, तो बिल्कुल न बतायें. कोई भी बैंक ऐसा नहीं करता. -अगर किसी को कोई काम भी हो तो ब्रांच में आवेदन दें, ताकि उसमें सुधार की जा सके. लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर नन बैंकिंग कंपनी से लेकर इ-बैंकिंग तक सतर्क रहने की जरूरत है. यह बातें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने कहीं. भारतीय रिजर्व बैंक पटना ने बैंक ऑफ इंडिया, जमशेदपुर के साथ मिलकर एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में सोमवार को इ-बात कार्यक्रम का आयोजन किया. इसका आयोजन मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड का प्रयोग कर इ-डिलिवरी, इंटरनेट एवं मोबाइल बैंकिंग जैसे वैकल्पिक डिलिवरी चैनलों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आम जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए किया गया. श्री वर्मा ने कहा कि देश के भुगतान और निपटान प्रणाली के पर्यवेक्षक और विनियामक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक लंबे अरसे से प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है. बैंक देश में सुरक्षित और हाइटेक भुगतान प्रणाली विकसित करना चाहता है, जो सुविधाजनक, सुलभ और कम खर्चीला हो. पूर्वी क्षेत्र में बैंकिंग के वैकल्पिक डिलिवरी चैनलों के संबंध में जागरूकता और सूचना का अभाव है. देश के केंद्रीय बैंक के रूप में रिजर्व बैंक की समाज के प्रति भी जिम्मेदारी है, वह पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है. इस मौके पर आरबीआइ के डीजीएम ब्रिज राज, सहायक महाप्रबंधक शैलजा सिंह, बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम आलोक यादव, एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रमुख संजय प्रकाश, बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख पंकज श्रीवास्तव, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, चेंबर के पदाधिकारी तथा बैंकों के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा भारतीय रिजर्व बैंक और यूको बैंक के अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा समाज के विभिन्न वर्गों से आये 120 प्रतिभागी, जिसमें एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के प्रबंधन शाखा के छात्र, आसपास के पेंशनधारक एवं स्थानीय व्यापार समूह के सदस्य शामिल थे. 11 पेमेंट बैंक स्थापित करेगा आरबीआइश्री वर्मा ने बताया कि भुगतान की प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आरबीआइ ने हाल ही में 11 संस्थाओं को पेमेंट बैंक स्थापित करने संबंधी सैद्धांतिक मंज़ूरी भी दी है. इन्हीं कुछ कारणों से वैकल्पिक डिलिवरी चैनल प्रचलित किये जा रहे हैं, जो सुरक्षित है और समय की मांग है. उन्होंने बताया कि इसके जरिये सिर्फ बैंकों से रुपये की निकासी होगी, किसी तरह का लोन यह बैंक नहीं देगा. काला धन को रोकने के लिए सबकी अकाउंटिंग जरूरी एमके वर्मा ने बताया कि काला धन को रोकने के लिए सभी की अकाउंटिंग की जा रही है. किसी तरह का कोई भी कारोबार अगर किया जाता है, तो उसके बारे में जानकारी ली जाती है. यहीं नहीं, तमाम तरह की जानकारी को साझा भी किया जाता है.
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नन-बैंकिंग से इ-बैंकिंग तक सतर्कता जरूरी (ऋषि की तसवीर होगी)
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