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सतर्कता. एटीएम इस्तेमाल करते हैं, तो रहें सावधान! हरी बत्ती नहीं जले, तो समझें गड़बड़ है

जमशेदपुर : यदि आप एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जायें. इन दिनों जालसाजों का गिरोह काफी सक्रिय है, जो एटीएम को बाधित कर दूसरों के खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं. इसके बाद पीड़ित को थाने व बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है. इन सबके बावजूद राशि मिलने के आसार कम […]

जमशेदपुर : यदि आप एटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जायें. इन दिनों जालसाजों का गिरोह काफी सक्रिय है, जो एटीएम को बाधित कर दूसरों के खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं. इसके बाद पीड़ित को थाने व बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है. इन सबके बावजूद राशि मिलने के आसार कम होते हैं. दुर्गापूजा-दीपावली पर इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं. बैंकाें के पास अपनी काेई एजेंसी नहीं है, जाे इस तरह की घटनाआें को रोके.

ज्यादातर एटीएम में नहीं है प्राइवेसी : राष्ट्रीय आैर निजी बैंकाें ने अपने एटीएम आउटसाेर्स कर दिये हैं. एजेंसी काे एटीएम लगाने, मकान मालिक से किराया तय करने, एटीएम की मरम्मत आैर उसमें पैसा डालने तक की जिम्मेवारी है. शहर में कई ऐसे प्वाइंट हैं, जहां एक छत के नीचे छाेटी जगह में दाे-तीन एटीएम (मशीन) लगायी गयी है. इससे प्राइवेसी को खतरा रहता है. लाेग ट्रांजेक्शन के साथ-साथ आस-पास नजर रखते हैं.

बोलने वाली एटीएम में नहीं है हेडफोन
शहर के कई एटीएम में ब्रेललिपि लगी है. ऐसी एटीएम का इस्तेमाल करने पर आवाज आती है. बटन दबाने पर उच्चारण आता है. यह एटीएम नेत्रहीनों के लिए है. नियमानुसार ऐसी एटीएम में हेडफाेन हाेना अनिवार्य है, लेकिन शहर के कई एटीएम इन जरूरताें का पूरा नहीं करते हैं. इससे जालसाजी की संभावना रहती है.

गिरोह ऐसे उड़ाता है रुपये
जालसाज एटीएम के ऊपर बायें तरफ बने कैंसिल बटन दबाकर मशीन बाधित कर आस-पास खड़े रहते हैं. इस दौरान अगर आप पैसे निकालने जाते हैं, तो सारी प्रक्रिया के बाद पैसे नहीं निकलते हैं. जालसाज मशीन चेक करने का बहाना बनाकर अपना कार्ड उल्टा कर मशीन में डालते हैं. उसके बाद कैंसिल वाला बटन दबाने के बाद एटीएम सक्रिय हो जाता है. ऐसे में आपके द्वारा भरी गई रकम बाहर निकल आती है.

रुपये न िनकले तो क्लीयर का बटन जरूर दबायें
एसबीआइ के सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार वर्मा ने बताया कहा कि उपभोक्ताओं को मशीन में लगी हरे रंग की बत्ती का ध्यान रखना चाहिए. यदि हरे रंग बत्ती न जले और मशीन से रुपये न निकले, तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है. कोड डालने के बाद भी रुपये न निकले, तो क्लीयर बटन दबा दें. उपभोक्ताओं को चाहिए कि जब तक वेलकम लिखकर न आ जाए, तब तक वहां से न हटें. वेलकम लिखकर न आए, तो पुन: मशीन में अपना कार्ड डालें और गलत कोड डालकर छोड़ दें. इससे फ्रॉड की संभावना कम हाे जायेगी.

पुरानी एटीएम से जालसाजी अधिक
शहर में होने वाले ज्यादातर मामले पुरानी एटीएम से जुड़े हैं. शहर में कई एटीएम के बटन टूट या घिस गये हैं. अॉपरेट करने के दाैरान वे बेस के साथ चिपक जाते हैं. ऐसे एटीएम से फ्रॉड की संभावना बनी रहती है. बैंक प्रबंधन से इसकी शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि एटीएम का लॉट आ रहा है, जल्द बदला जायेगा.

सावधानी बेहद जरूरी
सावधानीपूर्वक ट्रांजेक्शन करें. मशीन के पास काेई दूसरा खड़ा है, ताे उसे वहां से हटने काे कहें. एटीएम के डिस्प्ले पर मिलनेवाले संकेत पर ध्यान रखें. ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी दिखे ताे कैंसिल बटन दबाये. इसके बाद भी दिक्कत महसूस हाे, ताे गार्ड काे सूचित करें. अपना एटीएम का नंबर किसी दूसरे व्यक्ति काे किसी भी हाल में न बतायें. कई मामलाें में पैसा की निकासी करनेवाले रिश्तेदार ही निकल जाते हैं.
राजेश कुमार वर्मा, सहायक महाप्रबंधक, एसबीअाइ

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