जमशेदपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के झारखंड और जमशेदपुर कनेक्शन को रेखांकित करती डोक्यूमेंट्री शान-ए-हिंद 21 अक्तूबर को आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस पर रिलीज होगी. तीन साल रिसर्च के बाद उनके गांव, उनकी स्मृति सहेजने वाले लोगों की जुबानी सारी यादों को इस डोक्यूमेंट्री में पिरोया गया है.
फिल्म में नेताजी द्वारा जमशेदपुर को दिये गये अपने जीवन के महत्वपूर्ण आठ वर्षो के दौरान किये गये कार्य, स्वतंत्रता संग्राम के लिए जमशेदपुर से 35 किमी दूर कालिकापुर में लोगों को प्रेरित करने की गाथा का चित्रण भी किया गया है.
जमशेदपुर से था नेताजी का खास का जुड़ाव
नेताजी का जमशेदपुर से कई तरह का जुड़ाव रहा है. उस समय वैश्विक स्तर पर कम्युनिस्ट क्रांति की आंधी चल रही थी जब नेताजी ने जमशेदपुर मजदूरों को अपना कुशल नेतृत्व दिया था. टाटा स्टील को हड़ताल से उबारने में उन्होंने संजीवनी की भूमिका निभायी. टाटा वर्कर्स यूनियन का नेतृत्व नेताजी ने संभालने के बाद मजदूरों की समस्याओं का समाधान किया.
रामकृष्ण मिशन के इस्टर्न जोन के निदेशक सह रामकृष्ण स्कूल के प्राचार्य डॉ रंजीत चौधरी के अनुसार नेताजी ने यहां से 35 किमी दूर कालिकापुर में ग्रामीणों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया था. उनकी प्रेरणा से ही कालिकापुर के ग्रामीणों ने थाना पर धावा बोला था, थाना का खंडहर आज भी उनके शौर्य को दर्शाता है. कलिकापुर के डॉ विकास चंद्र भकत जिनके दादाजी ने नेताजी द्वारा आहूत बैठक की मेजबानी की थी उन्होंने स्मृति शेष के रूप में उस कुर्सी को संजो कर रखा है जिस पर बैठ कर नेताजी ने ग्रामीणों को संबोधित किया था. नेताजी की जयंती कलिकापुर में किसी जयंती की तरह मनाया जाता है. लिए कॉलेज की जांच की.