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शिक्षा का हो रहा बाजारीकरण
उच्च शिक्षा को निजीकरण से बचाने को लेकर दिल्ली में आंदोलन, वक्ताओं का आरोप जमशेदपुर : उच्च शिक्षा के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को नयी दिल्ली के हिंदू भवन में एक कार्यक्रम किया गया. इसमें देश के सभी क्षेत्र से शिक्षक पहुंचे. कार्यक्रम में एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]
उच्च शिक्षा को निजीकरण से बचाने को लेकर दिल्ली में आंदोलन, वक्ताओं का आरोप
जमशेदपुर : उच्च शिक्षा के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को नयी दिल्ली के हिंदू भवन में एक कार्यक्रम किया गया. इसमें देश के सभी क्षेत्र से शिक्षक पहुंचे. कार्यक्रम में एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ तरुण पात्र, दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑफ टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ नंदिता नारायण और एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विजय कुमार पीयूष ने सभा को संबोधित किया.
सभी ने केंद्र सरकार पर शिक्षा के बाजारीकरण को बढावा देने का आरोप लगाया. इसके विरोध में आगामी दिनों में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूरे देश के शिक्षक संसद भवन पर जुटेंगे और मार्च करेंगे. इसके साथ ही सभी ने 15 दिसंबर को नैरोबी में होने वाले डब्ल्यूटीओ की बैठक में उच्च शिक्षा को लेकर तय किये गये मापदंडों का विरोध करने की मांग की.
बताया गया कि जो मसौदा तैयार किया गया है, इसमें सरकार या फिर यूजीसी की ओर से सरकारी शिक्षक संस्थानों को मिलने वाली सब्सिडी या अनुदान बंद कर दिया जायेगा. इसके पीछे अच्छे सरकारी संस्थानों को बंद कर प्राइवेट संस्थानों को बढ़ावा देने की योजना है.
सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विदेशी शिक्षण नीति यानी सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम ) का पूरे देश में विरोध किया जायेगा. इसके खिलाफ 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पूरे देश में जागरूकता अभियान शुरू किया जायेगा. दिल्ली में आयोजित आंदोलन में झारखंड के 35 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. इसमें डॉ विजय कु पीयूष, डॉ संजीव सिंह और डॉ ए दयाल, डॉ रवि राय समेत कई अन्य शामिल हैं.
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