जमशेदपुर : उच्च शिक्षा में निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को देश के विभिन्न प्रांत के शिक्षकों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया. वहीं सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी.
एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ तरुण पात्र, दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑफ टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ नंदिता नारायण और एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विजय कुमार पीयूष ने कहा कि शिक्षा के निजीकरण से गरीब पढ़ नहीं पायेंगे. झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉ विजय कुमार पीयूष, डॉ संजीव सिंह और डॉ ए दयाल ने संयुक्त रूप से कहा कि राज्य के शिक्षकों का पांचवा और छठा वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर अब तक वेतन नहीं दिया जा रहा है.
इसे तत्काल लागू किया जाये. वहीं देशभर में शिक्षकों के रिक्त पद पर बहाली हो. अस्थायी शिक्षकों को भी सम्मानित मानदेय मिले.
मौके पर मणिपुर के सांसद टी मेनिया, तेलंगाना के सांसद सीताराम नायक, पश्चिम बंगाल के राज्य सभा सांसद रीस व्रत बनर्जी और एआइएफयूसीटीओ के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बर्मन उपस्थित थे.
सभी ने सरकार से तत्काल उच्च शिक्षा नीति बनाने की मांग की. प्रोन्नति में एपीआइ सिस्टम निरस्त करने के साथ सभी को एक समान काल बद्ध प्रोन्नति दी जाये. 2004 के कंट्रीच्युटी पेंशन स्कीम को निरस्त कर उसके बाद बहाल होने वाले सभी शिक्षकों को पूर्ण पेंशन योजना से जोड़ने की मांग की गयी. इसमें झारखंड से कुल 35 शिक्षक शामिल हुए.