जमशेदपुर: छात्र-छात्राएं भले ही शहर या झारखंड से बाहर निकल कर पश्चिम बंगाल के किसी कॉलेज में दाखिला लेने की ठान लें, लेकिन यह राह आसान नहीं है. झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) द्वारा निर्गत प्रमाण पत्रों को वहां के कॉलेजों में संदेह की नजर से देखा जाता है. शहर में ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जो इसका प्रमाण हैं. पिछले ही दिनों जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में छात्र राहुल कश्यप ने आवेदन दिया.
उसने इसी वर्ष प्रथम श्रेणी में आइकॉम की परीक्षा पास की है. सियालदह स्थित बीइ कॉलेज में बीकॉम में दाखिले के लिए आवेदन किया है. बीइ कॉलेज प्रशासन उसका दाखिला लेने को तैयार है, लेकिन इससे पूर्व छात्र से सत्यापन प्रमाण पत्र की मांग की है. ताकि यह प्रमाणित हो सके कि जैक से निर्गत उसके सभी प्रमाण पत्र सही हैं. कॉलेज में दाखिले की अंतिम तिथि सोमवार, 16 सितंबर है, लेकिन राहुल अभी को-ऑपरेटिव कॉलेज और झारखंड अधिविद्य परिषद का ही चक्कर लगा रहा है.
प्रोस्पेक्टस में है सत्यापन का निर्देश
राहुल ने बताया कि बीइ कॉलेज के प्रोस्पेक्ट्स में स्पष्ट लिखा है कि झारखंड व बिहार से पास आउट विद्यार्थियों को यहां दाखिले से पूर्व अपने प्रमाण पत्रों के संबंधित बोर्ड या काउंसिल से सत्यापित कराना होगा. बोर्ड या काउंसिल द्वारा सत्यापन का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही दाखिला मिलेगा. इसके अलावा सीबीएसइ, आइसीएसइ, एनआइओएस समेत अन्य राज्यों को बोर्ड या काउंसिल के प्रमाण पत्र धारी विद्यार्थियों के लिए सत्यापन प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं है. ऐसे में कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कॉलेजों में दाखिला लेने के इच्छुक झारखंड-बिहार के विद्यार्थी या तो थक-हार कर अन्यत्र दाखिला लेने को मजबूर हो रहे हैं या संबंधित कॉलेज व बोर्ड का चक्कर लगा रहे हैं.
2012 में भी कई को ङोलना पड़ा था दंश
गत वर्ष भी इस तरह के कुछ मामले प्रकाश में आये थे. शहर के करीम सिटी कॉलेज से बीकॉम करने के बाद छात्र विभूति भूषण झा ने कोलकाता के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी. उसे यह कह कर दाखिला लेने से इनकार कर दिया गया कि झारखंड के विद्यार्थियों के लिए यहां सीट नहीं है. हालांकि तब कॉलेज प्रशासन से भी दूरभाष पर संपर्क किया गया था. बताया गया था कि झारखंड के लिए सीट न होने की कोई बात नहीं है, लेकिन विभूति भूषण ने बताया कि कॉलेज से संपर्क करने पर उसे उक्त जवाब ही मिला था.