कुछ सालों में दिखने लगा बड़ा अंतर आज स्मार्ट फोन के जरिये लोग इंटरनेट से जुड़े हर उस काम को आसानी से कर ले रहे हैं, जिसके लिए कभी साइबर कैफे के फेरे लगाने पड़ते थे. आज से कोई पांच साल पहले तक शहर में करीब 350 छोटे-बड़े साइबर कैफे थे. लेकिन आज महज सौ कैफे ही बचे हैं. जहां जेरोक्स से लेकर प्रिंटिंग तक के काम भी होते हैं. शहर के एक साइबर कैफे के संचालक संजय दास बताते हैं कि आज प्रति दिन औसतन बिजनेस करीब 800 से एक हजार रुपये होता है. इसमें कैफे के साथ-साथ जेरोक्स, स्पाइरल बाइंडिंग, लेमिनेशन आदि काम भी शामिल हैं. एक नजर में 5 साल पहले शहर में साइबर कैफेकरीब 350वर्तमान में शहर में साइबर कैफे करीब 1005 साल पहले शहर में कैफे का औसत बिजनेस करीब 3 करोड़ (प्रति दिन) (अनुमानित)वर्तमान में शहर में कैफे का औसतन बिजनेसकरीब एक करोड़ (प्रति दिन) (अनुमानित)
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खबर का जोड़ : स्मार्ट फोन के कारण कैफे में लगे ताले
कुछ सालों में दिखने लगा बड़ा अंतर आज स्मार्ट फोन के जरिये लोग इंटरनेट से जुड़े हर उस काम को आसानी से कर ले रहे हैं, जिसके लिए कभी साइबर कैफे के फेरे लगाने पड़ते थे. आज से कोई पांच साल पहले तक शहर में करीब 350 छोटे-बड़े साइबर कैफे थे. लेकिन आज महज सौ […]
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