– नदी तट पर 50 से ज्यादा बड़े वाहन प्रतिदिन धोये जा रहे – स्थानीय खटालों के मवेशियों को भी नदी में स्नान कराया जाता है संवाददाता, जमशेदपुर जिला प्रशासन के रोक के बावजूद स्वर्णरेखा नदी में वाहनों की धुलाई की जा रही है. नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने हाइकोर्ट के आदेश पर स्वर्णरेखा नदी में वाहनों की धुलाई पर रोक लगायी थी. क्या कहता है नियम झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 321, 339 एवं 340 के तहत नदी में किसी टंकी, जलाशय, कुआं, नाला का गंदा पानी, पशु, वाहन, सब्जी या खनिज पदार्थ (जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है) धोना या डालना प्रतिबंधित है. झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत नदी को प्रदूषित करते पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई के साथ एक हजार से 10 हजार रुपये आर्थिक दंड का प्रावधान है. इसके बावजूद प्रदूषण नहीं बंद होने की स्थिति में 50 से 500 रुपये प्रतिदिन आर्थिक दंड का प्रावधान है. हालांकि अबतक एक भी वाहन मालिक पर निकाय जुर्माना नहीं लगा सकी है. किसकी है जिम्मेवारी नदी को प्रदूषण से बचाने की जिम्मेवारी स्थानीय निकाय की है. निकाय की ओर से बड़े वाहनों के नदी तट पर ले जाने से रोकने के लिए जुस्को की मदद से पूर्व में बेरियर लगाया गया था, जो हट गया है. इसके कारण बड़े वाहन भी तट पर वाहनों की धुलाई करते नजर आते हैं.
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नदी में हो रही वाहनों की धुलाई, बढ़ रहा प्रदूषण फोटो मनमोहन 4
– नदी तट पर 50 से ज्यादा बड़े वाहन प्रतिदिन धोये जा रहे – स्थानीय खटालों के मवेशियों को भी नदी में स्नान कराया जाता है संवाददाता, जमशेदपुर जिला प्रशासन के रोक के बावजूद स्वर्णरेखा नदी में वाहनों की धुलाई की जा रही है. नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने […]
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