– बच्चों को डेढ़ महीने से ही टिटनेस, गलघोंटू और कुकुरखांसी का टीका देना जरूरी – देश में हर वर्ष एक लाख में 587 बच्चों को होती है यह बीमारी संवाददाता, जमशेदपुर आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स) की जमशेदपुर शाखा ने सोमवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में कुकुर खांसी पर गोष्ठी का आयोजन किया. मुंबई से आये डॉक्टर शफी कोल्हापुरे ने कहा कि बच्चों में होने वाली कुकुर खांसी का टीका ही सही इलाज है. यह एक सामान्य बीमारी है, जो बैक्टीरिया से होती है. बच्चों में खासकर लड़कियों को यह अधिक होती है. समय पर इसका इलाज नहीं होने से गंभीर हो जाता है. इसका टीका सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क दिया जाता है. बाजार में यह काफी सस्ता मिलता है. बच्चे को आठ माह में पहला व पांच वर्ष में दूसरा टीका दिया जाता है. इस दौरान मुख्य रूप से डॉ एस भट्टाचार्या, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ एस दास, के के चौधरी, डॉ मोहन कुमार, डॉ वीरेंद्र प्रसाद, सुधीर मिश्रा, एस नाथ, जॉय भादुड़ी, एसके आर्य, विजय कुमार, शुभोजीत बनर्जी, मनोज कुमार सहित अन्य उपस्थित थे. लक्षण छींकना, आंखों में पानी आना, नाक बहना, भूख कम लगना, रात में खांसना, खांसते समय भौंकने जैसी आवाज आना
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टीका ही कुकुरखांसी का कारगर इलाज फोटो ऋषि
– बच्चों को डेढ़ महीने से ही टिटनेस, गलघोंटू और कुकुरखांसी का टीका देना जरूरी – देश में हर वर्ष एक लाख में 587 बच्चों को होती है यह बीमारी संवाददाता, जमशेदपुर आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स) की जमशेदपुर शाखा ने सोमवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में कुकुर खांसी पर गोष्ठी का आयोजन किया. […]
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