जमशेदपुर: सोनारी बालीचेला मसजिद कमेटीवालों ने रमजान के माह में अल्लाह के समक्ष दुआ की है कि उनकी मसजिद को बड़ी और बेहतर बना दे. ईद के बाद इस संबंध में कमेटीवालों ने एक बैठक कर टीना शेड की शक्ल में बनी इस मसजिद के स्वरूप को बड़ा करने के लिए सबसे सहयोग लेने की योजना बनाने का फैसला किया है. 1961 में बनी सोनारी बालीचेला मसजिद के अधीन एक कब्रिस्तान भी है.
सोनारी में मुसलिम समुदाय की आबादी कम होने के कारण यहां कुछ परेशानियां आर्थिक रूप से जरूर आती हैं, लेकिन इबादत करनेवाले यहां हमेशा आते रहते हैं. बच्चों की संख्या कम रहने के कारण मदरसा के बदले मकतब चलाया जा रहा है. मसजिद के सचिव मोहम्मद ताहिर और मौलाना मोहम्मद हमीर हैं.
मसजिद में जुस्को द्वारा पानी और बिजली उपलब्ध करायी जा रही है. कमेटी सचिव मोहम्मद ताहिर ने बताया कि कमेटी को टाटा कंपनी से काफी उम्मीदें हैं, यदि वह उनकी समस्याओं का समाधान कर दे तो समाज के लिए बेहतरी होगी. मसजिद के छोटा होने के कारण यहां इबादत के लिए आनेवाले लोगों को कुछ परेशानियों का सामना अवश्य करना पड़ता है.