संस्था ने सहायक श्रमायुक्त से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी, तो उन्होंने इस तरह के कानून के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की. दबाव बनाने पर उन्होंने कानून के अस्तित्व को स्वीकारा. उन्होंने माना कि इसमें कामगारों के निबंधन का प्रावधान है. अंतिम सर्वे तक उन्होंने कामगारों की संख्या 29, 106 बतायी, लेकिन वर्तमान स्थिति बताने में अनभिज्ञता जाहिर की. जिले में लेबर सेस के रूप में 6, 40, 48, 456 रुपये जमा है.
लेबर सेस की राशि जमा होती, तो यह राशि हजारों करोड़ में होती. दो वर्ष पूर्व श्रमायुक्त सुनील वर्णवाल ने सभी कंपनियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था. संस्था के अनुसार लेबर सेस नहीं देने के कारण मजदूरों एवं उनके परिवार के लोगों को कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार कई कंपनियां लेबर सेस नहीं दे रही हैं.