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शैलेंद्र को चेरयमैन बनाने का विरोध, हंगामा

जमशेदपुर: सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह की ओर से कमेटी विस्तार के लिए रविवार की शाम सीजीपीसी कार्यालय में बुलायी गयी जनरल बॉडी की बैठक हंगामेदार रही. गुरमुख सिंह मुखे के विरोध के बीच सरदार शैलेंद्र सिंह को चेयरमैन बनाया गया. पूर्व चेयरमैन हरनेक सिंह ने संविधान नहीं मानने पर ऐतराज जताते हुए इस्तीफा देने […]

जमशेदपुर: सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह की ओर से कमेटी विस्तार के लिए रविवार की शाम सीजीपीसी कार्यालय में बुलायी गयी जनरल बॉडी की बैठक हंगामेदार रही. गुरमुख सिंह मुखे के विरोध के बीच सरदार शैलेंद्र सिंह को चेयरमैन बनाया गया. पूर्व चेयरमैन हरनेक सिंह ने संविधान नहीं मानने पर ऐतराज जताते हुए इस्तीफा देने की घोषणा की.

वह बैठक से चले गये. बैठक की शुरुआत अकाली दल के गुरदीप सिंह ने अरदास कर की. बैठक में सीजीपीसी के प्रधान ने कमेटी विस्तार की घोषणा करते हुए पदाधिकारियों के नाम की घोषणा की. मुखे ने सवाल उठाया कि सरदार शैलेंद्र सिंह के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी है. मामला विचारधीन है, ऐसे में उन्हें चेयरमैन नहीं बनाना चाहिए.

जवाब में कहा गया कि शैलेंद्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट था. वह थाना से जमानत ले चुके हैं. पूर्व प्रधान सीजीपीसी का सदस्य होता है. उसे वोटिंग का अधिकार नहीं है, लेकिन प्रधान उन्हें चेयरमैन बना सकता है. श्री मुखे ने इसका विरोध किया और कहा कि मानगो गुरुद्वारा कमेटी का कोई भी सदस्य सीजीपीसी का मेंबर नहीं रहेगा. बैठक में अमरजीत सिंह ने पिछली कमेटी की कारवाई को पेश किया. बैठक में हरभजन सिंह विरदी, गुरदयाल सिंह, सरजीत सिंह, अमरजीत सिंह, मोहन सिंह, जैमल सिंह समेत सभी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान मौजूद थे.

1.95 लाख रुपये लौटाये
सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पिछले कार्यकाल में तय किया गया था कि प्रधान को मासिक छह हजार तथा कोषाध्यक्ष व सचिव को तीन-तीन हजार रुपये खर्च दिया जायेगा. कोषाध्यक्ष व सचिव ने तीन-तीन हजार रुपये खर्च नहीं लिया था, लेकिन सीजीपीसी के प्रधान ने हर माह 6 हजार रुपये खर्च लिया था. प्रधान ने बैठक में लिये गये खर्च 1.95 लाख रुपये वापस लौटा दिया है. कुल खर्च 1.94 लाख रुपये था. उन्होंने एक हजार बढाकर सीजीपीसी को वापस किया.
जो कमेटी संविधान नहीं मानती उसमें रहना बेकार : हरनेक
सीजीपीसी के पूर्व चेयरमैन हरनेक सिंह ने कहा कि सीजीपीसी की वर्तमान कमेटी संविधान नहीं मान रही है. जो कमेटी संविधान नहीं मानती, उसमें रहना बेकार है. श्री सिंह ने कहा कि सीजीपीसी के प्रधान, जो सदस्य नहीं हैं, उन्हें बैठक में बुलाते हैं. जिन गुरुद्वारा कमेटी को मान्यता नहीं है, उनकी बातों को सुना जाता है, बुलाया जाता है. बैठक में ऐसे लोग दिखाई देते हैं, जिनका कमेटी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जब भौमा गुरुद्वारा कमेटी के देनदार थे, तो उस वक्त सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह ने सदस्य बनाने से इनकार कर दिया था. जसवंत सिंह भौमा ने सीजीपीसी को रुपये जमा कर सदस्यता ग्रहण की. सरदार शैलेंद्र सिंह भी देनदार हैं, उन्हें संविधान से हटकर सदस्य बनाया गया है, जो गलत है.

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