जमशेदपुरः योजना आयोग के सदस्य (साइंस) डॉ के कस्तूरीरंगन ने गुरुवार को कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से होनेवाले नवीन आविष्कार से ग्रामीण जनमानस को जोड़ना होगा, उन तक पीपीपी के माध्यम से फायदा पहंुचाना होगा.
इसके पीछे मिशन 2020 की कामयाबी छिपी हुई है. डॉ कस्तूरीरंगन गुरुवार को एनएमएल सभागार में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, यंग साइंटिस्ट, सीनियर साइंटिस्ट और प्रबुद्ध लोगों की सभा को संबोधित कर रहे थे.
पीपीपी को बढ़ा देने पर बलत्र योजना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नेटवर्क को बढ़ाते हुए इसे आरएनडी, प्राइवेट संस्था और शिक्षण संस्थानों तक ले जाना है. बुनियादी जरूरतें मसलन स्वास्थ्य, पानी, ऊर्जा, कृषि के क्षेत्र में पीपीपी को बढ़ावा देने की जरूरत है.
एनएमएल का दौरा किया त्र आयोग की टीम ने सीएसआइआर-एनएमएल का दौरा किया. एनएमएल के निदेशक एस श्रीकांत ने आयोग की टीम को संग्रहालय की सुविधाओं, सोडियम पायलट प्लांट, जलमग्न आर्क फर्नेस, गैर विनाशकारी परीक्षण, ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, क्रीप बे के बारे में जानकारी दी. टीम ने काफी करीब से निरीक्षण भी किया. उन्होंने क्षेत्रीय विकास पर जोर देते हुए कहा कि नेटवर्क के माध्यम से छोटे-छोटे लैब बना कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है.
डॉ कस्तूरीरंगन ने कहा कि नये आविष्कार पर हर वक्त काम करना चाहिए, इसका काफी लाभ मिलता है. वरीय और जानकार साइंटिस्ट राज्य के माध्यम से अपने सुझाव योजना आयोग को भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसरो के सेटेलाइट कम्यूनिकेशंस के रिमोट सेंसिंग सपोर्ट के माध्यम से कैसे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो, इस पर विचार करने की जरूरत है. मिशन 2020 के प्लान को शेयर करते हुए डॉ कस्तूरीरंगन ने कहा कि अनुसंधान और विकास में निवेश को आधा-आधा करना होगा. योजना आयोग की अधिकारी निधि खरे ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे आने की जरूरत है.
आधारभूत संरचना का बनेगा एक्शन प्लान
जमशेदपुरः जमशेदपुर दौरे पर आये योजना आयोग के सदस्य डॉ के कस्तूरीरंगन ने परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झारखंड मे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, ऊर्जा एवं आधार भूत संरचना के कोर इश्यू का एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है. इस कोर इश्यू पर लगातार साथ मिल कर कार्य करना होगा. झारखंड का संपूर्ण विकास होना चाहिये,,इसके लिए क्या जमीनी आवश्यक्ता है यह जानने के लिए वे लोग यहां आये हैं. वर्षों से लंबित सुवर्णरेखा परियोजना को केंद्रीय योजना में शामिल कर योजना आयोग की पहल पर पुनर्जीवन मिला है. पिछले डेढ़ साल मे इसमें अच्छा काम हुआ है. नहर का नेटवर्क बहुत अच्छा बना है. चांडिल में मछली पालन हो रहा है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है. मछली पालन की सराहना करते हुए डॉ कस्तूरीरंगन ने कहा कि इसे देश के दूसरे हिस्सों में भी अपनाया जा सकता है. डॉ कस्तुरीरंगन के साथ मौजूद राज्य के जल संसाधन सचिव एसके सत्पथी ने कहा कि डॉ कस्तूरीरंगन के प्रयास से ही 32 वर्षों के बाद स्वर्णरेखा परियोजना को फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल पाया है. आधारभूत संरचना पर काम की जरूरत: निधि खरेत्रयोजना आयोग (स्टेट प्लान) की सलाहकार निधि खरे ने पत्रकारों को बताया कि आयोग की टीम ने, रांची की बैठक में किस-किस सेक्टर पर विशेष ध्यान देना है, इस पर चर्चा की. एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवलपमेंट, शिक्षा एवं स्किल्ड डेवलपमेंट पर जोर दिया जायेगा. शहर पहुंची पूरी टीमत्र योजना आयोग की पूरी टीम दौरे पर जमशेदपुर पहुंची. जमशेदपुर पहुंचने के पूर्व टीम ने चांडिल में मत्स्य पालन को देखा. इसके बाद कांड्रा-आदित्यपुर मार्ग होते हुए जमशेदपुर पहुंची. कौन-कौन लोग थे टीम में त्रयोजना आयोग के सदस्य डॉ कस्तुरीरंगन, स्टेट प्लान की सलाहकार निधि खरे, एसजेएंडइ की डिप्टी एडवाइजर पूनम श्रीवास्तव, निदेशक डब्ल्यूआर एनके संतोषी, एग्रीकल्चर के एडवाइजर जेपी मिश्रा, इंडस्ट्रियल स्पेशल सेक्रेटरी धीरेंद्र कुमार, निदेशक(एफआर) एचके हायोंग व अन्य.
कंसलटेंट (एनर्जी एंड पावर) विजय कुमार, एडवाइजर ट्रांसपोर्ट मनोज सिंह, झारखंड के जल संसाधन विभाग के सचिव एसके सत्पती व अन्य.