10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हेल्थ बुलेटिन- डॉ. एम राजा

डॉ. एम राजास्पेशलिस्ट इन स्पोर्ट्स मेडिसिन कहीं दर्द ना देने लगे सॉफ्ट टिशू इंजरीचोट लगने के कारण सॉफ्ट टिशू इंजरी का खतरा रहता है. खासकर खिलाडि़यों को इसका खतरा ज्यादा रहता है. सॉफ्ट टिशू इंजरी से टिशू में जलन हो जाती है. चोट की जगह पर सूजन व जकड़न हो जाता है. ऐसे में इस […]

डॉ. एम राजास्पेशलिस्ट इन स्पोर्ट्स मेडिसिन कहीं दर्द ना देने लगे सॉफ्ट टिशू इंजरीचोट लगने के कारण सॉफ्ट टिशू इंजरी का खतरा रहता है. खासकर खिलाडि़यों को इसका खतरा ज्यादा रहता है. सॉफ्ट टिशू इंजरी से टिशू में जलन हो जाती है. चोट की जगह पर सूजन व जकड़न हो जाता है. ऐसे में इस बीमारी का प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना जरूरी हो जाता है. नहीं तो ाही बीमारी घातक रुप ले सकती है. शुरुआत में दवाईयों से यदि सुधार नहीं होता है तो फिजियोथैरेपी के द्वारा इलाज किया जाता है. ऐसा करने से ज्यादा जल्दी रिकवरी होता है. सॉफ्ट टिशू इंजरी के लक्षणों की बात की जाए तो यह होने से शरीर के जिस पार्ट में चोट लगी हो उस पार्ट में सूजन, जलन और काफी दर्द होता है. इस बीमारी में यदि दवाइयों से ठीक नहीं होता है तो फिजियोथैरेपी के द्वारा इलाज कर बीमारी को ठीक किया जाता है. बीमारी- सॉफ्ट टिशू इंजरीलक्षण- शरीर के जिस पार्ट में चोट लगी हो उस पार्ट में सूजन, जलन और काफी दर्द होता है.उपाय- इस बीमारी में यदि दवाइयों से ठीक नहीं होता है तो फिजियोथैरेपी के द्वारा इलाज कर बीमारी को ठीक किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें