जमशेदपुर: मानगो गांधी मैदान में जुमेरात को इमाम ए आजम अबु हनीफा के यौम ए विसाल के मौके पर तहरीक ए पैगाम इसलाम के बैनर तले अजीमुस्सान, इमाम अबू हनीफा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. कांफ्रेंस की शुरुआत कारी तय्यब अली फैजी की तिलावत ए कुरान के साथ हुई. हमद व नात के बाद ओड़िशा के राजगांगपुर स्थित जामा मसजिद के इमाम मौलाना इजहार अहमद रिजवी ने इमाम ए आजम की जीवनी पर रोशनी डालते हुए कहा कि इमाम अबू हनीफा की अजमत व शान और जलालत इल्मी का एतराफ बड़े-बड़े आयमा, मोहदिसीन,उलेमा और फकहा ने किया.
कोलकाता के मौलाना मल्लिक सब्बीर आलम मिसवाही को बुखारी शरीफ की खिदमत के एजाज में अल्लमा सैय्यद रुकनुद्दीन असदक चिश्ती के हाथों से इमाम आजम अबू हनीफा आवार्ड से सम्मानित किया गया. मौसूफ ने बुखारी शरीफ की अजमद व फजीलत पर खिताब करते हुए कहा कि इमाम बुखारी के बहुत सारे उसातजा इमाम आजमी अबू हनीफा के शार्गिद हैं.
इस तरह इमाम बुखारी अबू हनीफा के शार्गिद हुए तो जब शर्गिात इमाम बुखारी के इल्म के ये हाल हैं तो उस्ताद इमाम आजम अबू हनीफा के क्या कहने. कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मौलाना सैय्यद रुनुद्दीन असदक चिश्ती ने इमाम चिश्ती ने इमाम आजम के हयात के पहलुओं पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि इमाम आजम इल्म फजल कीबेइंतहा दौलत के साथ-साथ अमल सालेहा और एखलाख हसना के मिसाली पैकर थे.
इनकी जिंदगी का एक-एक लम्हा इतबाय सुन्नत में गुजरा. अंत में तहरीक ए पैगाम इसलाम के डायरेक्टर मौलाना सैय्यद सैफुद्दीन असदक ने कहा कि अबु हनीफा का एहजान अजीम तमाम मुसलमानों पर है, चाहे वह जिस इमाम के पैरवीकार हो. सारी दुनिया के मुसलमान इमाम आजम की शान में नगमा सराहों तब भी वह कयामत तक इमाम आजम के एहसान अजीम का शुक्र अदा नहीं कर सकते हैं. देर रात जारी कांफ्रेंस में शहर के उलेमा दानिश्वरों और आयमा ने काफी संख्या में तयदाद की.
उपस्थित थे प्रमुख उलेमा
हजरत मौलाना सलाहुद्दीन निजामी, हजरत मुफ्ती आविद हुसैन मिसबाही, हजरत मुफ्ती शाहिद रजा, हजरत मौलाना कारी फरीउद्दीन शिवानी, हजरत कारी असलम रव्वानी जियाई, हजरत काजी मुश्ताक अहमद कादरी, हजरत मौलान मुब्बसीर रुल इसलाम नूरी, हजरत अल्लहाज मुख्तार शफी, हाफिज इसरार अहमद.