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जमशेदपुर के नामकरण के पूरे हुए एक सौ साल : एन चंद्रशेखरन
टाटा समूह के सहयोग, समर्थन व विश्वास के लिए चंद्रशेखरन ने शहरवासियों को दी बधाई, कहा- यूं ही कायम रहे रिश्ता नैनो प्रोजेक्ट के सवाल पर बोले, टाटा मोटर्स हमारे समूह की बड़ी इकाई, बेहतर दिशा में बढ़ रही आगे जमशेदपुर : टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि जमशेदपुर ने अपने नामकरण […]
टाटा समूह के सहयोग, समर्थन व विश्वास के लिए चंद्रशेखरन ने शहरवासियों को दी बधाई, कहा- यूं ही कायम रहे रिश्ता
नैनो प्रोजेक्ट के सवाल पर बोले, टाटा मोटर्स हमारे समूह की बड़ी इकाई, बेहतर दिशा में बढ़ रही आगे
जमशेदपुर : टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि जमशेदपुर ने अपने नामकरण के 100 वर्ष पूरे किये. शहर के लिए समूह के पास अगले 100 वर्ष की कार्ययोजना तैयार है. जमशेदपुर की तर्ज पर दूसरे जमशेदपुर की स्थापना के सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि हम लंबे समय से जमशेदपुर में काम कर रहे हैं. इसके विकास व विस्तारीकरण को लेकर लगातार काम हो रहा है. इस दिशा में भविष्य को लेकर अलग-अलग काम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहरवासियों से मिले सहयोग से ही यह शानदार सफर तय हो सका है.
चेयरमैन रविवार को संस्थापक दिवस समारोह के बाद टाटा स्टील के मुख्य गेट पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. चेयरमैन ने टाटा समूह के सहयोग, समर्थन व विश्वास के लिए शहरवासियों को बधाई दी, कहा कि यह रिश्ता यूं ही कायम रहना चाहिए. रतन टाटा के नैनो प्रोजेक्ट को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में चेयरमैन ने कहा कि किसी प्रोजेक्ट विशेष को लेकर बात करना संभव नहीं है. जहां तक टाटा मोटर्स की बात है तो यह समूह की बड़ी कंपनी है. बेहतरीन कार्य कर रही है. हमें उम्मीद है कि कंपनी भविष्य में सफलता के नये मापदंड स्थापित करेगी.
हमारे लिए जमशेदपुर स्पेशल : बिष्टुपुर पोस्टल पार्क में संस्थापक की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद चेयरमैन ने शहरवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे लिए जमशेदपुर शहर खास है.
यहां सभी समाज व धर्म के लोग एक साथ रह रहे हैं. हमें गर्व है कि हमारे संस्थापक की दूरदर्शी सोच की वजह से देश के पहले स्मार्ट सिटी की परिकल्पना सौ साल पहले तैयार कर कर ली गयी. छोटा सा गांव शहर में तब्दील हुआ. यह अब स्मार्ट से स्मार्टर सिटी की ओर बढ़ रहा है.
टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा समूह शहर को तोहफा देने के लिए कभी समय का इंतजार नहीं करता. जरूरत के अनुसार लगातार सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. यह सिलसिला कायम रहेगा.
सुभाष चंद्र बोस भी रह चुके थे यूनियन के अध्यक्ष
पांच मार्च 1920 को टाटा वर्कर्स यूनियन की स्थापना हुई. टाटा आयरन स्टील कंपनी में उस समय कर्मचारियों की हड़ताल चल रही थी. कंपनी के कर्मचारियों का एक दल कोलकाता पहुंचा. वहां चितरंजन दास से वार्ता हुई. तय हुआ कि मजदूरों की लड़ाई कोर्ट में फ्री में लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता को यूनियन का नेतृत्व दिया जाये. इसके बाद एसएन हलदर यूनियन के अध्यक्ष बने.यूनियन के 100 वर्ष के इतिहास में केवल ग्यारह अध्यक्ष रहे हैं. महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने भी यूनियन के अध्यक्ष का दायित्व वर्ष 1928 से 1936 तक निभाया.
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