चंद्रशेखर, जमशेदपुर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर के शैक्षणिक संवर्ग में अनियमितता से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है. मेडिकल कॉलेज में बिना प्रशासी पद वर्ग समिति और कैबिनेट की स्वीकृति के ही कुल 713 पदों का सृजन कर दिया गया. अब महालेखाकार की आपत्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग नये सिरे से पदों का निर्धारण किया है. अपनी रिपोर्ट में महालेखाकार ने लिखा है कि अनधिकृत रूप से पदों का सृजन किया गया.
महालेखाकार की इस टिप्पणी के बाद करीब 345 पद समाप्त कर दिये गये हैं. 27 मई 2004 को जारी अधिसूचना (संख्या 138-2) को विलोपित कर दिया है. चिकित्सा पदाधिकारी के पद को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. चिकित्सा पदाधिकारी के 84 पद सृजित किये गये थे. नयी प्रक्रिया के बाद मेडिकल कॉलेज में कुल 368 पद रह जायेंगे.
विभाग ने वर्ष 2011 व वर्ष 2015 में सृजित किये गये 248 पदों को बरकरार रखा है. इसके अलावा मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण 120 पद और बढ़ा दिये गये हैं. इस तरह अब कुल 368 पद ही एमजीएम मेडिकल कॉलेज में होंगे.
खत्म किये गये चिकित्सा पदाधिकारी के 84 पद, पांच थे कार्यरत
2004 में 713 पद सृजित किये थे स्वास्थ्य विभाग ने, अब 368 पद किये गये
महालेखाकार ने जतायी थी कड़ी आपत्ति
पाटलिपुत्र चिकित्सा महाविद्यालय में भी नये सिरे से पद सृजन
नहीं रहेंगे चिकित्सा पदाधिकारी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में अब चिकित्सा पदाधिकारी नहीं रहेंगे. वर्तमान में इस पद पर पांच लोग कार्यरत हैं. चिकित्सा पदाधिकारी परीक्षा के दौरान प्रायोगिक काम करते हैं.
प्रोन्नति से लेकर नियुक्ति तक का रास्ता साफ
एमजीएम मेडिकल कॉलेज व पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज में पद सृजन को लेकर आपत्तियों के कारण एक तरफ जहां मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की आपत्तियां दूर नहीं हो पा रही थीं. वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर की प्रोन्नति से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया फंसी हुई थी. विभाग की ओर से पद सृजन को स्पष्ट करने के साथ मेडिकल कॉलेज से जुड़ी तमाम समस्याएं समाप्त हो जायेंगी.
न्यूनतम 189 पद अनिवार्य
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक के अनुसार कॉलेज के कुल 24 विभागों के लिए प्राध्यापक, सह प्राध्यापक , सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट के कुल 189 पद अनिवार्य हैं. एमजीएम में यह संख्या 368 रखी गयी है.