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साइंटिफिक तरीके से बायो वेस्ट का निष्पादन हो रहा है या नहीं: हाइकोर्ट
जमशेदपुर/रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को रांची, धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो में मेडिकल कचरा के उचित निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल एंड हैंडलिंग रूल्स व […]
जमशेदपुर/रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को रांची, धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो में मेडिकल कचरा के उचित निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल एंड हैंडलिंग रूल्स व इंवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट का अनुपालन हो रहा है या नहीं?. मेडिकल कचरे के निष्पादन की दिशा में क्या कार्रवाई की गयी है, उससे संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने सरकार के माध्यम से राज्य के सभी सिविल सर्जनों से अस्पताल व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे का निष्पादन नियमों के तहत तथा साइंटिफिक तरीके से हो रहा है या नहीं, विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने पांच अप्रैल की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि नियमों के तहत मेडिकल कचरे का उठाव व निष्पादन किया जा रहा है.
वहीं प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने सरकार की दलील का विरोध करते हुए कहा कि मेडिकल कचरे के निष्पादन में नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमन राइट्स कॉन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर कर मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए सरकार को उचित आदेश देने का आग्रह किया गया है.
पूर्व में कोर्ट ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में संचालित सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लिनिकों, ब्लड बैंकों, पैथोलॉजी लेबोरेटरी आदि में उत्सर्जित होनेवाले मेडिकल कचरा के निष्पादन के लिए बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल एंड हैंडलिंग रूल्स 1998 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. रूल्स के तहत अस्पतालों, क्लिनिकों, पैथोलॉजी लेबोरेटरी आदि के परिसरों में काला, लाल, ब्लू व पीले रंग का कंटेनर रखने तथा कंटेनरों में ही मेडिकल कचरा रखने का प्रावधान है.
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