डीइअो व डीएसइ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने दिया निर्देश
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वर्ष 2008 के बाद भी बहाल हो गये हैं पारा शिक्षक, होगी जांच
डीइअो व डीएसइ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने दिया निर्देश जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के साथ ही राज्य भर के पारा शिक्षकों की बहाली की जांच होगी. इसके लिए जल्द ही एक टीम का गठन किया जायेगा, जो जिले में बहाल सभी पारा शिक्षकों की बहाली की जांच करेगी. […]
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के साथ ही राज्य भर के पारा शिक्षकों की बहाली की जांच होगी. इसके लिए जल्द ही एक टीम का गठन किया जायेगा, जो जिले में बहाल सभी पारा शिक्षकों की बहाली की जांच करेगी. यह आदेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव एपी सिंह ने दिया है.
शनिवार को राज्य के सभी डीइअो व डीएसइ के साथ हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कहा कि यह शिकायत मिली है कि कई जिले में 2008 के बाद भी पारा शिक्षकों को बहाल कर लिया गया है. जबकि सितंबर 2008 के बाद से पारा शिक्षकों की बहाली पर रोक लगायी गयी है. यही कारण है कि सभी जिले में पारा शिक्षकों की बहाली की सूक्ष्मता से जांच करवायी जायेगी. इस जांच की आंच में पूर्वी सिंहभूम जिले के करीब 2200 शिक्षकों को गुजरना होगा.
डीइअो ही होंगे परियोजना के प्रमुख : प्रधान सचिव ने कहा कि जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ही राज्य परियोजना के प्रमुख होंगे. उनके अधीन जिला शिक्षा अधीक्षक कार्य करेंगे. परियोजना से जुड़ी सभी योजनाअों की समीक्षा जिला शिक्षा पदाधिकारी सीधे तौर पर कर सकेंगे. अब तक जिला शिक्षा अधीक्षक परियोजना के प्रमुख होते थे.
छोटे जिले में डीइअो दोनों दोहरी भूमिका में : राज्य के छोटे जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका बढ़ायी जायेगी. तय किया गया है कि छोटे जिले में जिला शिक्षा अधीक्षक का पदस्थापन नहीं किया जायेगा. वहां जिला शिक्षा पदाधिकारी ही जिला शिक्षा अधीक्षक की भूमिका भी निभायेंगे.
राज्य के 994 पंचायत में एक ही पंचायत में 20 से 25 स्कूल : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि राज्य में कुल 944 पंचायत ऐसे हैं जहां एक ही पंचायत में करीब 20 से 25 स्कूल तक हैं. यहां स्कूलों के विलय में चूक होने की बात कही गयी है. हालांकि इस प्रकार के पंचायत पूर्वी सिंहभूम में नहीं होने की बात सामने आयी है.
बंद होंगे कुछ मॉडल स्कूल
सरकार मॉडल विद्यालय के संचालन को लेकर एक नीति बना रही है. इस नीति के अनुसार सरकार मॉडल विद्यालयों की संख्या में कटौती करेगी. लेकिन साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिले में जो भी मॉडल स्कूल होंगे वह वास्तव में मॉडल स्कूल होंगे. वहां बच्चों को पढ़ाने के लिए उच्च योग्यताधारी शिक्षकों के साथ ही बेहतर आधारभूत संरचना में बच्चों को आवासीय सुविधा भी दी जायेगी. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में फिलहाल 6 मॉडल स्कूल चल रहे हैं जिसमें करीब 3 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है. लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग मॉडल विद्यालय होंगे. इसके साथ ही जिले के नवोदय विद्यालय अौर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के प्रदर्शनी की भी समीक्षा करने का आदेश दिया गया है. दोनों के प्रदर्शन से संबंधित रिपोर्ट विभाग को भेजा जायेगा.
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