जमशेदपुर : जमशेदपुर अक्षेस में कथित तौर पर डस्टबीन घोटाला के मामले में जिला प्रशासन द्वारा सौंपी गयी जांच रिपोर्ट को लोकायुक्त कार्यालय ने शिकायतकर्ता बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर को भेजा है अौर 30 सितंबर तक रिपोर्ट पर टिप्पणी भेजने को कहा है. सदन ने लोकायुक्त कार्यालय को पत्र लिख कर जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय में डस्टबीन घोटाला होने की शिकायत करते हुए जांच करा कर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की थी.
लोकायुक्त कार्यालय के निर्देश के आलोक में उपायुक्त ने एडीसी एसके सिन्हा से जांच करायी थी अौर लोकायुक्त कार्यालय को सौंपी जांच रिपोर्ट में 150 लीटर क्षमता वाली डस्टबीन के संबंध में दी गयी जानकारी को कार्यालय की भूल बताया है. जांच रिपोर्ट में एडीसी ने कहा है कि शिकायतकर्ता ने जमशेदपुर अक्षेस द्वारा नीलकमल कंपनी की डस्टबीन को अधिक मूल्य पर क्रय करने का आरोप लगाया था.
विशेष पदाधिकारी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न क्षमता की डस्टबीन के लिए कोटेशन प्राप्त कर निविदा के माध्यम से उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित दर निर्धारण समिति के निर्णय के आलोक में न्यूनतम दर पर डस्टबीन का क्रय किया गया था. नीलकमल कंपनी द्वारा निर्मित सौ लीटर क्षमता वाली डस्टबीन के आपूर्तिकर्ता मेसर्स तिरुपति सेल्स द्वारा दो कंपनियों उषा इंजीनियरिंग एवं नीलकमल द्वारा प्राधिकृत पत्र के विरुद्ध की गयी. 150 लीटर क्षमता वाली डस्टबीन की आपूर्ति नहीं की गयी. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में कार्यालयी भूलवश 150 लीटर की डस्टबीन की आपूर्ति संबंधी सूचना दे दी गयी, जबकि उक्त 150 लीटर (नील कमल) की डस्टबीन की आपूर्ति तिरुपति सेल्स द्वारा नहीं की गयी. 150 लीटर डस्टबीन की आपूर्ति का सिर्फ आदेश निर्गत किया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि आपूर्ति की गयी डस्टबीन की कीमत में डस्टबीन के अलावा फिटिंग व फिक्सिंग भी सम्मिलित है.