जुस्को के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्टोरेज टैंक में क्लोरीन की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुरूप सामान्य पायी गयी
Advertisement
धातकीडीह में सीवरेज व पेयजल के प्रदूषण से फैला हेपेटाइटिस-ई
जुस्को के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्टोरेज टैंक में क्लोरीन की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुरूप सामान्य पायी गयी जमशेदपुर : जिला निगरानी इकाई (डिस्ट्रिक सर्विलांस यूनिट) एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम ने धातकीडीह में फैले जॉन्डिस को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट उपायुक्त अमित कुमार को सौंप दी […]
जमशेदपुर : जिला निगरानी इकाई (डिस्ट्रिक सर्विलांस यूनिट) एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम ने धातकीडीह में फैले जॉन्डिस को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट उपायुक्त अमित कुमार को सौंप दी है. रिपोर्ट में जॉन्डिस के लिए सीवरेज एवं पेयजल के प्रदूषण (कंटेमिनेशन) को जिम्मेदार बताया गया है. जांच टीम ने इसके रोकथाम के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपाय अपनाने की अनुशंसा की है. 28 अप्रैल से जॉन्डिस के मामले तेजी से सामने आये थे जिसमें दो अगस्त के बाद नियंत्रित पाया जा सका.
रिपोर्ट में अधिकांश केस मदरसा फैजुल उलूम, धातकीडीह ब्लॉक के लाइन नंबर 7 एवं 8 में, ए ब्लॉक के लाइन नंबर 5 एवं 6 तथा हरिजन बस्ती में मिलने की बात कही गयी है. हालांकि पर्यावरणीय इंवेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट में जुस्को के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्टोरेज टैंक में क्लोरीन की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुरूप सामान्य पायी गयी है. प्रभावित क्षेत्र की जांच में यह बात सामने आयी कि पेयजल लाइन में लिकेज होने और सीवरेज लाइन के काफी नजदीक अौर समानांतर होने के कारण यह संभावित संक्रमण फैला. पर्सनल हाइजीन एवं अोवरअॉल कम्युनिटी सेनिटेशन की स्थिति असंतोषजनक पायी गयी.
मदरसा में नया कनेक्शन, ब्लॉकेज दुरुस्त : रिपोर्ट में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर स्टोरेज टैंक, वाटर लाइन में प्रदूषण अथवा कंटैमिनेशन नहीं पाया गया. पीलिया की रोकथाम के लिए मदरसा में नया वाटर कनेक्शन दिया गया. लाइन नंबर 7, 8 बी ब्लॉक में सीवेज की जांच की गयी अौर ब्लॉकेज को ठीक किया गया. पानी की आपूर्ति बंद कर घरों की टंकियों की सफाई की गयी तथा क्लोरीनेशन करके पानी भरा गया, ताकि वायरस खत्म हो जाये.
101 की जांच, 56 में हेपेटाइटिस-ई पॉजिटिव मिला
जांच रिपोर्ट में बताया गया है खून के 101 नमूनों की जांच एनआइसीइडी कोलकाता एवं रिम्स से करायी गयी. इसमें 56 में हेपेटाइटिस-ई और एक में हेपेटाइटिस ए पॉजिटिव पाया गया. पानी के छह नमूने एनआइबी पुणे में जांच कराये गये, दो नमूनों में हेपेटाइटिस इ तथा एक नमूने में हेपेटाइटिस ए पॉजिटिव पाया गया. जीवाणुअों के लिए जल के छह नमूनों की जांच एमजीएम के रेफरल प्रयोगशाला में करायी गयी जहां ई कोलाई देखा जो जल में संक्रमण को बताता है.
दीर्घकालीन अौर अल्पकालीन उपाय की अनुशंसा
अल्पकालीन अनुशंसा : क्षेत्र की सीवरेज लाइन को साफ करने, पानी लिकेज की मरम्मत करने, पानी के पानी को उबाल कर पीने, समय-समय पर घरों के ऊपर पानी टंकी का क्लोरीनेशन अौर खाने से पहले अौर शौच के बाद अच्छे से हाथ धोने, आइइसी गतिविधि अौर निगरानी कार्य की अनुशंसा की गयी है.
दीर्घकालीन अनुशंसा : पुराने सीवरेज एवं पेयजल लाइन को बदलने, पानी के अवैध कनेक्शन को चिह्नित कर सील करने, जुस्को जलापूर्ति श्रोत एवं उपभोक्ता के बिंदु पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप क्लोरीन के स्तर की समय-समय पर जांच करने की अनुशंसा की गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement