जमशेदपुरः इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा दो जून को एक साथ हुई. जेइइ एडवांस के साथ-साथ जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआइपीएमइआर ) पांडिचेरी में दाखिले के लिए भी दो जून को ही परीक्षा ली गयी.
इसके अलावा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( एआइआइएमएस) में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए परीक्षा की तिथि 1 जून तय की गयी थी. इसके लिए देश में 18 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. झारखंड में एक भी परीक्षा केंद्र नहीं था. इस वजह से झारखंड के विद्यार्थियों को अधिकारी परेशानी का सामना करना पड़ा. गौरतलब हो कि 12 वीं में कई विद्यार्थी मैथ लेकर पढ़ाई करते हैं और बायो साइंस ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है. कई विद्यार्थियों की पकड़ दोनों ही विषयों पर होती है और वे मेडिकल के साथ-साथ इंजीनियरिंग की परीक्षा में भी शामिल होते हैं. इस तरह के करीब 24 लाख विद्यार्थियों ने 2 जून को हुई जेईई एडवांस की परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया.
गौरतलब है कि एक जून को हुई एम्स की परीक्षा में विद्यार्थियों से फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलोजी के 60-60 सवाल पूछे गये, जबकि जेनरल अवेयरनेस के उनसे 20 सवाल पूछे गये. परीक्षा में एक सवाल का गलत जवाब देने पर 1/3 अंक काटना तय किया गया था. देश के एक लाख बीस हजार परीक्षार्थियों ने देश भर के एम्स के कुल 372 सीटों के लिए आपस में संघर्ष किया. एंट्रेंस एग्जाम में जेनरल के लिए 50 फीसदी अंक, जबकि एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 40 फीसदी अंक तय किये गये हैं.
इस परीक्षा में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों की चाह है कि उनका दाखिला दिल्ली एम्स में हो जाये. हालांकि दिल्ली एम्स में सबसे कम 72 सीटें हैं.