जमशेदपुर: श्रमायुक्त मनीष रंजन के समक्ष बुधवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा समेत कई पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. रांची स्थित कार्यालय में पौने बारह बजे श्रमायुक्त ने अध्यक्ष, महामंत्री समेत तमाम पदाधिकारियों का पक्ष सुना और विपक्ष के आरोपों पर उनकी सफाई सुनी. सत्ता पक्ष की ओर से आवश्यक दस्तावेज भी दिखाये गये.
मीटिंग करीब डेढ़ बजे तक चली. इस मीटिंग में श्रम विभाग से संबंधित कई पदाधिकारी भी मौजूद थे. सत्ता पक्ष की बातों को सुनने के बाद श्रमायुक्त ने जल्द फैसला सुनाने की बात कहीं. अब यह उम्मीद जतायी जा रही है कि एजीएम और संविधान संशोधन करने पर श्रम विभाग अपनी हरी झंडी दे सकता है. इस मीटिंग में डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु, उपाध्यक्ष शहनवाज आलम, सहायक सचिव आरके सिंह, सतीश सिंह, भगवान सिंह समेत कई कमेटी मेंबर मौजूद थे.
विपक्ष को फोन किया गया, दो घंटे का समय दिया गया. श्रमायुक्त मनीष रंजन ने शिकायतकर्ता धर्मेद्र उपाध्याय को फोन किया. धर्मेद्र उपाध्याय से मीटिंग में नहीं मौजूद होने का कारण पूछा. इस पर श्री उपाध्याय ने कहा कि वे लोग अगर जमशेदपुर में है और उनको आज की मीटिंग की किसी तरह की कोई लिखित जानकारी नहीं दी गयी है. इस पर श्रमायुक्त ने धर्मेद्र उपाध्याय को दो घंटे का समय दिया, लेकिन विपक्ष का कोई व्यक्ति मीटिंग में नहीं गया. विपक्ष ने बुधवार की सुबह ग्यारह बजे ही एक फैक्स भेजा. इसमें बताया गया कि अखबारों के माध्यम से यह मालूम चला है कि श्रमायुक्त ने मीटिंग बुलायी है.अगर ऐसी बात है तो उनकी बातों को भी सुन लिया जाये ताकि सही बातें सामने आ सके.